हिमालय का अस्तित्व क्यों खतरे में है उत्तराखंड के इस छात्रा ने दमदार ढंग से बताया
Автор: Himalaya ka Rahi
Загружено: 2025-09-09
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हिमालय एक अनमोल धरोहर, क्या हम इसे बचा पाएंगे...?
हिमालय दिवस : यह दिवस हिमालयी राज्य उत्तराखंड में ही नहीं बल्कि पूरे देश और दुनिया में मनाया जा रहा है, मनाए भी क्यों नहीं, हिमालय साधारण पर्वत या कोई बर्फ का पहाड़ नहीं है, बल्कि पृथ्वी पर जीवन का आधार है, भारत की सभ्यता और संस्कृति का पहचान भी है, हिमालय है तो हम हैं, हिमालय नहीं है तो हम भी नहीं है, हिमालय से निकलने वाली गंगा-यमुना समेत तमाम बारामासी नदियों के पानी से न केवल हमारे हलक तर होते हैँ, बल्कि खेती-बाड़ी को भी हरा-भरा करती हैं। वैज्ञानिक मानते हैं, हिमालय से टकराकर ही मानसूनी हवाएं बारिश बनती है, भारत के लिए तो हिमालय सामरिक दृष्टि से भी महत्वपूर्ण है, वेद और पुरुणों में हिमालय को देवताओं का निवास बताया गया है, तभी तो कहा गया कि हिमालय टूट सकता है, लेकिन झुक नहीं सकता। लेकिन बड़ा दुर्भाग्य है, आज हिमालय टूटने के साथ ही झुक भी रहा है। हिमालय क्षेत्र में बाढ़, भूस्खलन और भूधंसाव की घटनाएं आम हो गई है। ग्लेशियर हर साल पिघल रहे हैँ, केदारनाथ, रैणी, धराली, थराली जैसी आपदाएं जिन्होंने देश और दुनिया को झकझोर कर रखा था, यह सब हिमालय क्षेत्र में ही आई थी। हिमालय इतना विकराल क्यों हो रहा है, जानना चाहते हो, जानिए इसका मूल कारण मानव ही है, विकास की अंधी दौड़ में हम सब कुछ भूल जा रहे हैं, जिस हिमालय क्षेत्र में कभी लोग पैदल चलते थे या इक्का-दुक्का वाहन ही हुआ करते थे, आज वहां लग्जरी गाड़ियों की लाइन लगी रहती थी। हिमालय क्षेत्र में वाहन प्रदूषण बढ़ने के साथ ही मानवीय हस्ताक्षेप भी बढ़ा है। प्रकृति को दरकिनार कर विकास के काम हो रहे हैं, जबकि प्रकृति के साथ संतुलन बनाकर विकास होना चाहिए था, जहां कभी हरा भरा जंगल हुआ करता था, वहां बड़े आलीशन होटल और रेस्टोरेंट बन चुके हैं। हराभरा जंगल कम हो रहा है और कंक्रीट का जंगल फल फूल रहा है, हिमालय के लिए ज्यादातर लोग कागजों में काम रहे हैं, धरातल पर कुछ नहीं, पौधरोपण के नाम पर फोटो और सेल्फी खींचने का काम चल रहा है, जो पौधा रोपा वह जिंदा भी है या नहीं, पीछे मुड़कर ऐसा कोई नहीं देखता। ये बाढ़, भूस्खलन की घटनाएं तो सिर्फ हिमालय की चेतावनी है, अभी भी समय है, हिमालय के बारे में गंभीरता सोचकर धरातल पर काम करना होगा, नहीं तो वह दिन दूर नहीं जब हिमालय अस्तित्व खो जाएगा और इसका बड़ा परिणाम भुगतने वाली हमारी आगे की पीढ़ियां हमें माफ नहीं करेगी।
आप सभी को विराट पर्वतराज हिमालय दिवस की बहुत-बहुत शुभकामनाएं :::::::::::::::::::: रविन्द्र थलवाल #ravindrathalwal #LatestUpdate #himalayaday #haridwar #himalayadiwas
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