21वीं सदी की सिविल सेवा परीक्षा | High Rank in Less Time | CSE | UPSC IAS EXAM
Автор: Program for Transforming Students Hindi
Загружено: 2022-12-04
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Higher civil services कभी भी इतनी चुनौतीपूर्ण या जटिल नहीं रही है। आज के सिविल सेवक ऐसे समाज में अभूतपूर्व जटिलताओं (unprecedented complexities) वाली समस्याओं का सामना कर रहे हैं जो कि पहले से कहीं अधिक बहुलवादी (pluralistic) तथा आकांक्षी (demanding than ever) है। इसी समय शासन की प्रणालियां और उपकरण तेजी से डिजिटल, ओपन एवं नेटवर्क आधारित हो रहे हैं । सिविल सेवकों को इन जटिल चुनौतियों का सामना करना होता है तथा पब्लिक वैल्यू (to ensure justice, fairness, and equity, as well as – efficiency and effectiveness) को संरक्षित करना होता है और बढ़ाना होता है।
हालांकि, hierarchy और Rule-based system पर आधारित पारंपरिक नौकरशाही (traditional bureaucracy) 21 वीं सदी में सार्वजनिक मूल्य (public value) को अतीत की तरह create, protect and positively impact नहीं कर सकती है। इन चुनौतियों ने भारत सरकार को अपने मानव संसाधन प्रबंधन में सुधार करने के लिए नई प्रथाओं को अपनाने के लिए प्रेरित (create an impetus) किया ।
इसलिए, भारत सरकार 21 वीं सदी की चुनौतियों और तीव्र आर्थिक विकास की जरूरतों के अनुसार अपनी सिविल सेवा को बदलने के लिए Rule-based system of personnel administration से Role-based or Competency-based system of Strategic Human Resource Management (SHRM) की तरफ शिफ्ट कर रही है। तदनुसार, भारत सरकार भर्ती, प्रशिक्षण, प्लेसमेंट, पदोन्नति और performance management कार्यों में बदलाव के माध्यम से अपनी सिविल सेवा को align कर रही है।
परिणाम स्वरूप, भारत सरकार ने New Recruitment Rules for the civil services examination (from 2011-13), National Training Policy 2012, Competency Framework for Civil Service in 2014, and Mission Karmayogi in Sep 2020 को लागू किया है । ताकि आज की और भविष्य की जरूरतों के अनुरूप नॉलेज, स्किल्स तथा एटीट्यूड वाली high-performing सिविल सर्विसेज का विकास किया जा सके जोकि न्यू इंडिया के विजन को पूरा कर करने में सक्षम हो ।
New Recruitment Rules for the civil services examination (from 2011-13) का उद्देश्य 21 वीं सदी की हायर सिविल सर्विसेज के लिए सबसे उपयुक्त उम्मीदवारों का चयन करना है। इसीलिए यह परीक्षा उम्मीदवारों के Right Knowledge (depth of understanding of real-world experiences), Higher-order skills (core intellectual competencies) तथा Right Attitudes (spirit and in-depth interest in public service) का परीक्षण करती है, जोकि 21वीं सदी की हायर सिविल सर्विसेज के लिए मौलिक गुण और योग्यताएं (the fundamental qualities and competencies) हैं। यह मौलिक गुण और योग्यताएं 21वीं सदी में high-performance के लिए हायर सिविल सर्विसेज की कार्य करने की क्षमताओं (abilities) एवं कार्य करने की प्रवृत्तियों (dispositions) का निर्धारण करती है ।
सिविल सेवा परीक्षा के प्रथम चरण (प्रारंभिक परीक्षा) में उम्मीदवारों के मौलिक गुणों एवं योग्यताओं अर्थात राइट नॉलेज, हायर ऑर्डर स्किल्स तथा राइट एटीट्यूट का प्राथमिक मूल्यांकन किया जाता है तथा इन्हीं मौलिक गुणों एवं योग्यताओं का गहन मूल्यांकन मुख्य (लिखित तथा साक्षात्कार) परीक्षा में किया जाता है ।
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