6 Raag Puriyadhanashri (1. आली री मैं तो हारी, 2. पिया जा रे जा)
Автор: Ashwini Bhide Deshpande
Загружено: 2025-04-05
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मेरी बंदिशोंका दूसरा संग्रह रागरचनांजलि-2 सन 2010 में प्रकाशित हुआ था। उस संग्रह की सभी 98 बंदिशों को उनके स्वरलिपि के साथ, रसिकों और अभ्यासकोंकी सुविधा के लिए, एक-एक करके अब मैं यू ट्यूब पर उपलब्ध करा रही हूँ। सभी बंदिशें यहां (प्लेलिस्ट के रूप में • Ragarachananjali 2 ) पायी जा सकेगी। संग्रह के गद्य भाग इस में समाविष्ट नहीं है। रागरचनांजलि-2 संग्रह सीडी के साथ मूल पुस्तक रूप में अभी भी उपलब्ध है। पुस्तक में रुचि रखने वाले श्रोतागण उन्हें संस्कार प्रकाशन ([email protected]) से (कापियां उपलब्ध रहने तक) प्राप्त करा सकते हैं।
यह बंदिशें मेरी शिष्याएँ रेवती कामत, सानिया पाटणकर, श्रुति आंबेकर, सायली ओक, शिवानी कल्याणपुर, धनाश्री घैसास और मैंने गायी हैं, जैसा कि प्रत्येक बंदिश के साथ उल्लेख किया गया है। मेरे व मेरी शिष्याओं के गायन की संगत श्री. विश्वनाथ शिरोडकर, श्री. प्रसाद पाध्ये (तबला), श्रीमती सीमा शिरोडकर, श्री. अनंत जोशी और श्री. निरंजन लेले (हार्मोनियम) इन्होंने की है। संगीत के ध्वनिमुद्रण हेतु श्री. अनिल बेलसरे, श्री. सौरभ काजरेकर (स्टुडिओ बस-इन, विलेपार्ले), तथा श्री. नरेन्द्र (टिटू) कुलकर्णी (प्रभा डिजिटल स्टुडिओ, डोंबिवली) की मौलिक सहायता प्राप्त हुई। वीडियो संस्करण मेरी शिष्या श्रुति अभ्यंकर ने किया है।
तस्वीरें : आरंभ की रंगीन तस्वीर - गायत्री क़ामत, आख़री कृष्ण धवल तस्वीर - मयूर तेंडुलकर, थंबनेल की तस्वीर - गायत्री क़ामत, और शिष्याओं की तस्वीरें - स्वयं शिष्याएँ।
इन सभी को हृदय से धन्यवाद देना चाहूँगी।
मेरी बंदिश रचनाओं का पहला संग्रह "रागरचनांजलि" ऑडियो सीडी के साथ पुस्तक रूप में प्रथम सन् 2004 में प्रकाशित हुआ था। दो पुनर्मुद्रण के बाद वह अब पुस्तक रूप में उपलब्ध नहीं है। परंतु उस संग्रह की सभी 84 बंदिशें उन की स्वरलिपी के साथ पहलेही यूट्यूब पर प्रकाशित कर दी गई हैं और यहां (प्लेलिस्ट के रूप में • Ragarachananjali ) उपलब्ध हैं।
आशा करती हूँ कि इन दोनों संग्रहोंकी रचनाएँ रसिकों और अभ्यासकों के लिए उपयुक्त सिद्ध होंगी।
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