Aaj Mare Diwali Ajwali - Jain Diwali Sajjay - Gyanvimal
Автор: Jain Stavan
Загружено: 2022-10-24
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दीवाली की सज्झाय - आज मारे दीवाली अजवाली...
रचना - पूज्य श्री ज्ञानविमलजी
गावो गीत वधावो गुरू ने
मोतीडे चौक पुरावो
चार - चार आँगण चतुर शु आव्या
गावो गीत रसाली रे
आज मारे दीवाली अजवाली...
आज तो मारे धनतेरस ने
ते दिन रूडा सारा
भरत चक्रवर्ती छ: खंड साध्या
आव्या ते आयुधशाली रे
आज मारे दीवाली अजवाली...
काले तो मारे काली चौदस
ते दिन रूडा सारा
पाप आलोइने पोषध रे कीधा
कर्म ने मेल्या टाली रे
आज मारे दीवाली अजवाली...
अमास ने दिन पर्व दीवाली
भरती झाक जमाली
ज्ञान तणा दीवडिया झलके
रात दिसे रढियाली रे
आज मारे दीवाली अजवाली...
अमास नेई पाछली राते
आठ कर्म क्षय कीधा
श्री महावीर निर्वाणे पहूँच्या
गौतम केवलज्ञानी रे
आज मारे दीवाली अजवाली...
पडवे ने दिन झार पटोला
ऐ दिन रूडा सारा
गुरू गौतम ना चरण पखालो
रढवामो रढियाली रे
आज मारे दीवाली अजवाली...
बीज ने दिन भाई बिजडी
बेनी ने अति व्हाली
बेनिये तो बंधव नोतर्या
जमवा सेव सुहाली रे
आज मारे दीवाली अजवाली...
ऐवी दीवाली कोणे रे कीधी
कोण संसार थी तरिया
महावीर स्वामी ना शिष्य गौतम स्वामी
सुधर्मा स्वामी अणगारी रे
आज मारे दीवाली अजवाली...
ऐ पाँच दिन तो होय पनोता
ऐवा - ऐवा रंग मा गाईये
तारा बिण समझावी दीवाली
आणी भाव अपारी रे
आज मारे दीवाली अजवाली...
गावो गीत वधावो गुरू ने
मोतीडे चौक पुरावो
चार - चार आँगण चतुर शु आव्या
गावो गीत रसाली रे
आज मारे दीवाली अजवाली...
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