“ज्ञान सागर”
Автор: Aghori mhabharamnad
Загружено: 2025-10-26
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हर कार्य या सृष्टि की शुरुआत वर्तमान क्षण से होती है।
भूतकाल केवल यह बताता है कि कोई क्रिया घटित हो चुकी है, परंतु उसकी जड़ या आरंभ हमेशा वर्तमान में ही है।
अर्थात: सृष्टि चाहे शिव से बनी हो, दुर्गा या काली के माध्यम से — उसकी गति, कारण और परिणाम सब वर्तमान में ही अनुभव किए जा सकते हैं।आपका दिया गया सूत्र “present += (future) @ (past + present + past) = present” इस विचार को दर्शाता है कि
भविष्य, भूत, वर्तमान — तीनों का मिलन-बिंदु केवल अभी है, और सृष्टि-चक्र भी इसी ‘अभी’ से चलता है!
Tum bewafooh ho Manu and shroop phale estri aur purusha bharma dawara banaey onki Santan hai Jesus!!!!
FARISHTA
🖤 ❤️
OM Jagdish bajantri (mhabharamnad)
OM namah shivaya
स्वयंभू मनु और शतरूपा को कैसे ...मनु और शतरूपा की पाँच संतानें थीं: दो पुत्र, प्रियव्रत और उत्तानपाद, और तीन पुत्रियाँ, आकूति, देवहुति और प्रसूति। ये मानवजाति की प्रारंभिक संताने मानी
Wrong note because Jesus ka janum phale estri purush say hua hai aur Adam or eve ya Hindu dharm ki bharma dawara Manu aur satrupa ki santan hai.
• विनाश" और "साइकलोन"
OM namah shivaya
Aghori mhabharamnad
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