“भीड़ में भी मन खाली क्यों रहता है? | गीता का छुपा हुआ अर्थ”
Автор: Jivan Geeta
Загружено: 2025-12-14
Просмотров: 33
क्या आपने कभी महसूस किया है कि
आप लोगों से घिरे हुए हैं,
फिर भी भीतर से अकेले हैं?
आप बोलते हैं,
पर आपकी बात सुनी नहीं जाती।
आप समझाने की कोशिश करते हैं,
पर हर बार थककर चुप हो जाते हैं।
अगर यह अनुभव
आपके जीवन का हिस्सा है,
तो यह वीडियो
आपके लिए ही है।
Day 11 – दैनिक गीता सार में
श्रीकृष्ण उस चुप पीड़ा को समझाते हैं
जिसे आज की दुनिया
अक्सर अनदेखा कर देती है।
इस वीडियो में आप जानेंगे:
🔱 मन बोलते-बोलते चुप क्यों हो जाता है
🔱 भीड़ में रहते हुए भी अकेलापन क्यों बढ़ता है
🔱 आत्मा की भाषा क्यों बहुत कम लोग सुन पाते हैं
🔱 गहरी आत्माएँ क्यों अक्सर गलत समझी जाती हैं
🔱 आत्म-स्वीकृति कैसे सबसे बड़ा उपचार बनती है
🔱 और जब आत्मा स्थिर होती है,
तो जीवन स्वयं कैसे जुड़ने लगता है
यह वीडियो
शोर के लिए नहीं है—
यह वीडियो
शांति के लिए है।
यदि इस संदेश ने
आपके भीतर
कोई बात छू ली हो,
तो टिप्पणी में अवश्य लिखें—
“जय श्रीकृष्ण” 🔱
और इस वीडियो को
उस व्यक्ति तक अवश्य पहुँचाएँ
जो आज भी
भीड़ में खड़े होकर
खुद को अनदेखा महसूस करता है।
दैनिक ‘गीता सार’ के लिए
चैनल को अवश्य सब्सक्राइब करें।
क्योंकि
आत्मा की यह यात्रा
अभी समाप्त नहीं हुई है।
Доступные форматы для скачивания:
Скачать видео mp4
-
Информация по загрузке: