Day #3
Автор: Swami Advaitanand
Загружено: 2025-08-19
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Day #3 जानें! कैलाश परिक्रमा को केसे बनायेंसफल #vairalvideo||swami advaitanand|| #kailashmansarovar
Day #3कैलाश परिक्रमा में होती है दिव्य अनुभूतियाँ और दर्शन ||swami advaitanand|| #kailashmansarovar
कैलाश परिक्रमा का तीसरा दिन, जिसे कोरा भी कहा जाता है, परिक्रमा का अंतिम दिन होता है। इस दिन, यात्री ज़ुथुलपुक से दारचेन तक लगभग 8 किलोमीटर पैदल चलते हैं, जो एक अपेक्षाकृत समतल रास्ता है, और फिर सागा के लिए रवाना होते हैं. यह यात्रा आमतौर पर 2-3 घंटे में पूरी हो जाती है.
तीसरा दिन (ज़ुथुलपुक से दारचेन):
पैदल यात्रा:
ज़ुथुलपुक से दारचेन तक 8 किलोमीटर की पैदल यात्रा होती है, जो समतल है और 2-3 घंटे में पूरी हो जाती है.
यात्रा का अंत:
यह कैलाश पर्वत की परिक्रमा का अंतिम दिन होता है.
दारचेन वापसी:
दारचेन पहुँचने पर, यात्री अक्सर एक छोटे मंदिर में जाते हैं और फिर सागा के लिए रवाना होते हैं.
सागा के लिए प्रस्थान:
दोपहर में, यात्री सागा के लिए रवाना होते हैं, जो एक लंबी यात्रा है और इसमें 8-10 घंटे लग सकते हैं.
अन्य महत्वपूर्ण बातें:
परिक्रमा:
कैलाश पर्वत की परिक्रमा 53 किलोमीटर की होती है और इसे तीन दिनों में पूरा किया जाता है.
पवित्रता:
कैलाश पर्वत को हिंदू, बौद्ध, जैन और तिब्बती बॉन धर्मों के अनुयायियों द्वारा पवित्र माना जाता है.
तीर्थयात्रा:
यह एक महत्वपूर्ण तीर्थयात्रा है, और कई लोग इसे अपने जीवनकाल में एक बार अवश्य करना चाहते हैं.
ऊंचाई:
कैलाश पर्वत की ऊंचाई 6,638 मीटर (21,778 फीट) है, और ऊंचाई पर जाने से स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं हो सकती हैं.
तैयारी:
कैलाश परिक्रमा के लिए शारीरिक और मानसिक रूप से तैयार रहना महत्वपूर्ण है.
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