गोवर्धन स्पेशल कथा | Govardhan special katha | श्रीकृष्ण लीला | Goverdhan leela ki kahani
Автор: Guru Vani
Загружено: 2025-10-21
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गोवर्धन स्पेशल कथा | Govardhan special katha | श्रीकृष्ण लीला | Goverdhan leela ki kahani
गाँव वासी इंद्र पूजा करवाते हैं तो श्री कृष्ण इंद्र पूजा पर सवाल उठते हैं और उन्हें भगवान मानने से मना कर देते हैं। श्री कृष्ण इंद्र पूजा की जगह गौ माता की पूजा और गिरी राज गोवर्धन की पूजा करने की सलाह देते हैं जिसे सभी मान लेते हैं। गोवर्धन गिरी और गौ माता की पूजा हवन शुरू किया जाता है। गोवर्धन पर्वत गोकुल वसियों से प्रसन्न हो उन्हें दर्शन देते हैं और उनसे भेंट स्वीकार करते हैं। जब इंद्र को ये सूचना मिलती है की पृथ्वी वसियों ने इंद्र की पूजा करना बंद कर दिया है और उनकी जगह गौ माता और गोवर्धन की पूजा हुई है तो इंद्र क्रोधित हो उठता है और प्रलय करने वाले सावर्तक को गोकुल वसियों पर प्रलय करने के लिए भेजते हैं और ख़ुद भी जाते हैं। इंद्र देव पृथ्वी वसियों से रुष्ट होकर गोकुल के लोगों पर प्रलय कारण के लिए अपने साथ सावर्तक को लेकर गोकुल पहुँच जाते हैं। गोकुल में इंद्र द्वारा लाई प्रलय के बाद सभी लोगों को लेकर श्री कृष्ण गोवर्धन पर्वत की और बढ़ चलते हैं जहां श्री कृष्ण गोवर्धन पर्वत को अपनी एक उँगली पर उठा लेते हैं और सभी गोकुल वासी उस पर्वत के नीचे शरण ले लेते हैं। श्री कृष्ण के इस कार्य को देख सभी बहुत खुश होते हैं और श्री कृष्ण की जय जयकार करते हैं। इंद्र देव अपनी पूरी ताक़त लगाकर थक जाता है और श्री कृष्ण शरण में चला जाता है और क्षमा माँगता है जिस पर श्री कृष्ण उन्हें माफ़ कर देते हैं और इंद्र श्री कृष्ण की पूजा आरती कारता है
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