समुद्र पार कर लंका पहुँची राम जी की सेना | रामायण महाएपिसोड
Автор: Ramayan
Загружено: 2025-01-18
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सागर पर सेतु बन्ध शुरू होता है। हनुमान हर पत्थर पर राम का नाम लिखते जाते हैं। वानर सेना इन पत्थरों को नल नील तक पहुँचाती है और वे दोनों भाई उन्हें सागर जल में तिराते जाते हैं। इन पत्थरों को समुद्रदेव सहारा देते हैं। पाँच दिनों में सेतु निर्माण पूर्ण होता है। इसके साथ ही राम द्वारा शिव पूजन भी पूर्ण होता है। राम भगवान शिव से कहते हैं कि आपके तमाम नाम हैं, अब वे उनका एक नाम और स्वीकार करें। आपको भक्त श्री रामेश्वर के नाम से भी जानें। रामेश्वर यानि राम के ईश्वर। राम सेतु पार करने से पहले अपनी सेना में उस्ताह भरते हैं। हर हर महादेव के साथ राम की सेना लंका को कूच करती है। राम उनका नेतृत्व करते हैं। सागर पर सेतुबन्ध के समाचार पर रावण को विश्वास नहीं होता। वह असहज होता है। वो जानता है कि यदि राम लंका पहुँच गये तो सीता कभी उसकी नहीं हो सकेगी। इसलिये वो सीता को राम की मौत की झूठी सूचना देने के लिये प्रपंच रचता है ताकि राम को मरा जानकर सीता उसकी पत्नी बनना स्वीकार कर ले। रावण अशोक वाटिका जाकर सीता के समक्ष एक थाल रखता है जिसपर उसकी माया द्वारा रचा राम का कटा हुआ सिर है। सीता स्तब्ध होती हैं। वे विचार कर परेशान होती हैं कि जब राम मृत्यु को प्राप्त हुए तो इसका भान उनकी सीता को क्यों नहीं हुआ। तभी एक सन्देश वाहक आकर कहता है कि युवराज इन्द्रजीत ने आवश्यक सभा बुलायी है और महाराज रावण को भी याद किया है। रावण अनिच्छापूर्वक वहाँ से जाता है। रावण के जाते ही उसकी माया द्वारा रचित राम का सिर भी अदृश्य हो जाता है। त्रिजटा सीता को बताती हैं कि राम सकुशल हैं और सागर पर सौ योजन लम्बा पुल बाँधकर वे सेना समेत लंका की धरती पर पहुँच चुके हैं। सीता धरती माता को ऐसे स्पर्श करती हैं मानो वे राम के चरण स्पर्श कर रही हों। राम सीता के इस स्पर्श का अनुभव करते हैं। विभीषण द्वारा बनायी गयी रणनीति के अनुसार लंका के बाहर राम की अस्थायी सैन्य छावनी का निर्माण होता है। लक्ष्मण बड़े भाई राम के ठहरने के लिये पर्ण कुटी बनाते हैं।
रामायण एक भारतीय टेलीविजन श्रृंखला है जो इसी नाम के प्राचीन भारतीय संस्कृत महाकाव्य पर आधारित है। यह श्रृंखला मूल रूप से 1987 और 1988 के बीच दूरदर्शन पर प्रसारित हुई थी। इस श्रृंखला के निर्माण, लेखन और निर्देशन का श्रेय श्री रामानंद सागर को जाता है। यह श्रृंखला मुख्य रूप से वाल्मीकि रचित 'रामायण' और तुलसीदास रचित 'रामचरितमानस' पर आधारित है।
इस धारावाहिक को रिकॉर्ड 82 प्रतिशत दर्शकों ने देखा था, जो किसी भी भारतीय टेलीविजन श्रृंखला के लिए एक कीर्तिमान है।
निर्माता और निर्देशक - रामानंद सागर
सहयोगी निर्देशक - आनंद सागर, मोती सागर
कार्यकारी निर्माता - सुभाष सागर, प्रेम सागर
मुख्य तकनीकी सलाहकार - ज्योति सागर
पटकथा और संवाद - रामानंद सागर
संगीत - रविंद्र जैन
शीर्षक गीत - जयदेव
अनुसंधान और अनुकूलन - फनी मजूमदार, विष्णु मेहरोत्रा
संपादक - सुभाष सहगल
कैमरामैन - अजीत नाइक
प्रकाश - राम मडिक्कर
साउंड रिकॉर्डिस्ट - श्रीपाद, ई रुद्र
वीडियो रिकॉर्डिस्ट - शरद मुक्न्नवार
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