Популярное

Музыка Кино и Анимация Автомобили Животные Спорт Путешествия Игры Юмор

Интересные видео

2025 Сериалы Трейлеры Новости Как сделать Видеоуроки Diy своими руками

Топ запросов

смотреть а4 schoolboy runaway турецкий сериал смотреть мультфильмы эдисон
dTub
Скачать

अर्जुन का यमलोक जाना और ब्रह्मास्त्र चलाना | श्री कृष्ण लीला

Автор: Bharat Ki Amar Kahaniyan

Загружено: 2025-12-25

Просмотров: 12209

Описание:

श्रीकृष्ण के यादव कल्याण यज्ञ के समय एक ब्राह्मण अपनी पीड़ा लेकर आता है कि उसकी सन्तान के जन्म लेते ही यमदूत उसे उठा ले जाते हैं और आज उसकी पत्नी चौथी सन्तान को जन्म देने वाली है। वह श्रीकृष्ण से अपनी सन्तान की प्राण रक्षा की गुहार लगाता है। चूँकि श्रीकृष्ण यज्ञ के लिये बैठ चुके हैं तो उनके स्थान पर अर्जुन ब्राह्मण के साथ जाता है ब्राह्मण को अर्जुन की शक्ति पर विश्वास नहीं होता है तब अर्जुन संकल्प लेते हुए कहता है कि यदि मैं तुम्हारी सन्तान की रक्षा नहीं कर पाया तो अग्नि में प्रवेश कर अपने प्राण त्याग दूँगा। अर्जुन अपने दिव्य बाणों से ब्राह्मण की कुटिया के चारों तरफ सुरक्षा कवच बना देता है। किन्तु जैसे ही बच्चा जन्म लेता है, एक तेज आवाज के साथ बाणों का सुरक्षा कवच टूट जाता है और यमदूत नवजात शिशु को उठा ले जाते हैं। अर्जुन ब्राह्मण के बालक को वापस लाने के लिये वैष्णवी विद्या की शक्ति से यमलोक पहुँचता है और यमलोक का द्वार तोड़ने के लिये गाण्डीव पर ब्रह्मास्त्र का संधान करता है। तभी उसके धर्मपिता इन्द्र वहाँ प्रकट होते हैं और उससे कहते हैं कि किसी भी मानव को ब्रह्मास्त्र सृष्टि के कल्याण और धर्म की स्थापना के लिये प्रदान किया जाता है। इस प्रकार अपने स्वार्थ के लिये सृष्टि का विनाश करने के लिये नहीं। इसलिये मैंने इसकी शक्ति वापस ले ली है। अब यह तुम्हारे काम नहीं आयेगा। अर्जुन खाली हाथ धरती पर वापस आता है और अपनी प्रतिज्ञा पूरी करने के लिये जलती चिता में प्रवेश करने को तत्पर होता है। तभी श्रीकृष्ण वहाँ आते हैं और उससे कहते हैं कि तुमने जो संकल्प लिया था, उसके पीछे तुम्हारा अहंकार काम कर रहा था अन्यथा कोई काल को ललकारता है। श्रीकृष्ण ब्राह्मण से भी कहते हैं कि अर्जुन में तुम्हारे पुत्रों को वापस लाने का सामर्थ्य है। तुम धीरज रखो और हमारे लौटने की प्रतीक्षा करो। इसके बाद आकाश से एक दिव्य रथ धरती पर आता है। श्रीकृष्ण अर्जुन से उस रथ का सारथी बनने को कहते हैं। रथ उन्हें आकाश मार्ग से देवलोक के सात पर्वत पार ले जाता है। मार्ग में श्रीकृष्ण अर्जुन को उपदेश देते हैं कि तुम्हारे अन्दर अहंकार भर गया था और तुम्हें प्रतीत होने लगा था कि तुम अपने गाण्डीव के दम पर मृत्यु को भी पराजित कर सकते हो। इसी अहंकार का क्षरण करने के लिये विधाता ने तुम्हें यमलोक से खाली हाथ वापस भेज दिया। अर्जुन लज्जित होता है। रथ एक अन्धेरी गुफा में प्रवेश करता है। श्रीकृष्ण सुदर्शन चक्र को अपने तेज से मार्ग प्रकाशित करने का आदेश देते हैं। अर्जुन सुदर्शन चक्र के पीछे-पीछे रथ बढ़ाता है। गुफा से बाहर आने पर अर्जुन को साक्षात चतुर्भुज भगवान विष्णु के दर्शन होते हैं। श्रीहरि अर्जुन से कहते हैं कि मैंने ही तुम्हें यहाँ बुलाया है। तुम्हें लाने वाले रथ को खींच कर जो चार अश्व लाये हैं, वे चारों दिशाओं के प्रतीक हैं। तुम्हारा रथ तुम्हारे मन का प्रतीक है। जब मन पर अंकुश नहीं रहता तो इन्हीं चारों दिशाओं में भटक जाता है। और जब रथ को श्रीकृष्ण जैसा रथी मिल जाये अर्थात् अंकुश लगाने वाला मिल जाये तो वह अपने आप वश में हो जाता है। तुमने सात पर्वत पार किये थे, जो मनुष्य जन्मों के प्रतीक हैं। सात जन्मों में भी मानव श्रीकृष्ण की कृपा के बिना भवसागर से मुक्त नहीं हो पाता। परन्तु जो श्रीकृष्ण का हाथ पकड़ लेता है वो तो क्षण मात्र में मुक्त हो जाता है। हे अर्जुन, तुम अन्धकार से भरी कालरात्रि से होकर आये हो, ये अन्धकार तुम्हारे अहंकार का प्रतीक है। तुम सोच रहे थे कि विश्व के सर्वश्रेष्ठ धनुर्धर होकर भी तुम यमलोक के द्वार नहीं खुलवा सके। यम के द्वार मेरी ही महामाया का प्रतीक है। यहीं सब कुछ जन्म लेता है और यहीं सब कुछ नष्ट हो जाता है। वासुदेव के सुदर्शन ने तुम्हारा मार्ग प्रशस्त किया, यही सुदर्शन ही ज्ञान का प्रतीक है। अब तुम्हें ज्ञान मिल गया है। हे पार्थ, जैसे ही तुम्हारे अज्ञान का विलोप हुआ, क्षण भर में तुम्हें मेरे दर्शन मिल गये। यह सुनकर अर्जुन श्रीहरि से क्षमा माँगते हुए कहता है कि मेरे अपराध का दण्ड उस ब्राह्मण को मत दीजिये। उसके पुत्र लौटा दीजिये। श्रीहरि चारों बालक वापस देते हैं और अर्जुन व श्रीकृष्ण से कहते हैं कि तुम दोनों ऋषिवर नर और नारायण हो। जाओ, पृथ्वी पर असुरी शक्तियों का नाश और धर्म की स्थापना करो। इसके पश्चात धरती पर अपनी सन्तानें वापस आती देखकर ब्राह्मण बहुत प्रसन्न होता है। वह अपने बुरे बर्ताव के लिये द्वारिकाधीश के चरणों पर गिरकर क्षमा माँगता है।


"भारत की अमर कहानियाँ में आपको मिलती हैं ऐसी कथाएँ जो न केवल अनोखी हैं, बल्कि हमारी संस्कृति की अमूल्य धरोहर भी हैं। ये कहानियाँ शाश्वत हैं क्योंकि ये हमारे मन-मस्तिष्क पर गहरा प्रभाव छोड़ती हैं।
श्रीकृष्णा, रामानंद सागर द्वारा निर्देशित एक भारतीय टेलीविजन धारावाहिक है। मूल रूप से इस श्रृंखला का दूरदर्शन पर साप्ताहिक प्रसारण किया जाता था। यह धारावाहिक कृष्ण के जीवन से सम्बंधित कहानियों पर आधारित है। गर्ग संहिता , पद्म पुराण , ब्रह्मवैवर्त पुराण अग्नि पुराण, हरिवंश पुराण , महाभारत , भागवत पुराण , भगवद्गीता आदि पर बना धारावाहिक है सीरियल की पटकथा, स्क्रिप्ट एवं काव्य में बड़ौदा के महाराजा सयाजीराव विश्वविद्यालय के हिन्दी विभाग के अध्यक्ष डॉ विष्णु विराट जी ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

#vikrambetal #rajavikramaditya #ramayanstories #shreekrishnaleela #krishnakatha #gangaavataran #mahalakshmikatha #hindumytho #bhaktibhavna #naitikkahani #devikatha #dharmaauradharma #mythostory #epiclegends #ramkatha #krishnabhakti #lokkatha #bharatkikahaniyan #bhaktistories #hindistoryshorts

अर्जुन का यमलोक जाना और ब्रह्मास्त्र चलाना | श्री कृष्ण लीला

Поделиться в:

Доступные форматы для скачивания:

Скачать видео mp4

  • Информация по загрузке:

Скачать аудио mp3

Похожие видео

श्री कृष्ण लीला | अर्जुन ने किया सुभद्रा का हरण

श्री कृष्ण लीला | अर्जुन ने किया सुभद्रा का हरण

जब वृंदा वन पहुंची माँ भद्रकाली ! - YASHOMATI MAIYYA KE NANDLAL | Radha Krishna

जब वृंदा वन पहुंची माँ भद्रकाली ! - YASHOMATI MAIYYA KE NANDLAL | Radha Krishna

श्री कृष्ण लीला | महादेव आए बाल कृष्ण के दर्शन को | Bharat Ki Amar Kahaniyan

श्री कृष्ण लीला | महादेव आए बाल कृष्ण के दर्शन को | Bharat Ki Amar Kahaniyan

अश्वत्थामा ने चलाया ब्रह्मषिर अस्त्र | श्री कृष्ण लीला

अश्वत्थामा ने चलाया ब्रह्मषिर अस्त्र | श्री कृष्ण लीला

यज्ञभूमि को कर दिया🔥शमशान🔥डर के भाग गए देवता | Vighnaharta Ganesh | Maha Episode | Story Compilation

यज्ञभूमि को कर दिया🔥शमशान🔥डर के भाग गए देवता | Vighnaharta Ganesh | Maha Episode | Story Compilation

बाणासुर का श्री कृष्ण ने तोड़ा अहंकार | श्री कृष्ण लीला

बाणासुर का श्री कृष्ण ने तोड़ा अहंकार | श्री कृष्ण लीला

Космический масштаб: насколько огромна Вселенная?

Космический масштаб: насколько огромна Вселенная?

अर्जुन और भीष्म अंतिम युद्ध | कर्ण के कवच और कुंडल | श्री कृष्ण महाएपिसोड

अर्जुन और भीष्म अंतिम युद्ध | कर्ण के कवच और कुंडल | श्री कृष्ण महाएपिसोड

श्री कृष्ण लीला | हनुमान जी ने तोड़ा अर्जुन का अहंकार

श्री कृष्ण लीला | हनुमान जी ने तोड़ा अर्जुन का अहंकार

शिशुपाल वध कथा | श्री कृष्ण लीला | Bharat Ki Amar Kahaniyan

शिशुपाल वध कथा | श्री कृष्ण लीला | Bharat Ki Amar Kahaniyan

कान्हा के सामने मैया का राक्षसी ने किया सिर धड़ से अलग || Yashomati Maiya Ke Nandlala

कान्हा के सामने मैया का राक्षसी ने किया सिर धड़ से अलग || Yashomati Maiya Ke Nandlala

कैसे बंदर बचाएगा कान्हा को इस ज़हरीले बिच्छू से? - YASHOMATI MAIYYA KE NANDLAL | Krishna

कैसे बंदर बचाएगा कान्हा को इस ज़हरीले बिच्छू से? - YASHOMATI MAIYYA KE NANDLAL | Krishna

श्री कृष्ण लीला | श्री कृष्ण ने दी ऋषि संदीपनि को गुरुदक्षणा

श्री कृष्ण लीला | श्री कृष्ण ने दी ऋषि संदीपनि को गुरुदक्षणा

समुद्र मंथन की कथा | पौराणिक कथा और रहस्य | विष्णु पुराण | AR Entertainments Bhakti Sagar

समुद्र मंथन की कथा | पौराणिक कथा और रहस्य | विष्णु पुराण | AR Entertainments Bhakti Sagar

श्री कृष्ण लीला और कंस के हाथी का वध | श्री कृष्ण महाएपिसोड

श्री कृष्ण लीला और कंस के हाथी का वध | श्री कृष्ण महाएपिसोड

बाल कान्हा की लीला देख, गोपियां हुई हैरान यशोमती मईया के नंदलाला | Yashomati Maiyaa Ke Nandlala

बाल कान्हा की लीला देख, गोपियां हुई हैरान यशोमती मईया के नंदलाला | Yashomati Maiyaa Ke Nandlala

आखिर क्यों परशुराम ने अपनी ही माँ का सर किया धड़ से अलग I Bhakti Bioscope I

आखिर क्यों परशुराम ने अपनी ही माँ का सर किया धड़ से अलग I Bhakti Bioscope I

श्री कृष्ण ने दी ऋषि संदीपनि को गुरुदक्षणा | श्री कृष्ण लीला

श्री कृष्ण ने दी ऋषि संदीपनि को गुरुदक्षणा | श्री कृष्ण लीला

विष्णु जी प्रतिरूप वराह रूप में किया हिरण्याक्ष का अंत | Superhit Story Of Vishnu Varaha Avatar 2025

विष्णु जी प्रतिरूप वराह रूप में किया हिरण्याक्ष का अंत | Superhit Story Of Vishnu Varaha Avatar 2025

त्रिदेवों में सबसे पहले कौन जन्मा - इस तरह से हुआ ब्रह्मा विष्णु और महेश का जन्म - B R Chopra Serial

त्रिदेवों में सबसे पहले कौन जन्मा - इस तरह से हुआ ब्रह्मा विष्णु और महेश का जन्म - B R Chopra Serial

© 2025 dtub. Все права защищены.



  • Контакты
  • О нас
  • Политика конфиденциальности



Контакты для правообладателей: [email protected]