उस मोड़ से शुरू करें फिर ये ज़िंदगी | Jagjit Singh | Chitra
Автор: Rakesh Chaurasia
Загружено: 2025-10-30
Просмотров: 69
उस मोड़ से शुरू करें फिर ये ज़िंदगी | Jagjit Singh | Chitra #shortsfeed #shorts #short
उस मोड़ से शुरू करें फिर ये ज़िंदगी
लेखक – गुलज़ार
गायक – जगजीत सिंह
उस मोड़ से शुरू करें फिर ये ज़िंदगी,
हर शाख़ पे वो काली घटा ठमी ठमी।
हर राह पे वो फूल खिले, हम चले,
हर मोड़ पे दिल के दिए जलते रहें।
उस मोड़ से शुरू करें फिर ये ज़िंदगी।
हर जख़्म फिर से सिलें, हर दर्द फिर से सहें,
हर अश्क फिर से गिरें, हर साँस फिर से चलें।
उस मोड़ से शुरू करें फिर ये ज़िंदगी।
भावार्थ (अर्थ):
यह गीत बीते हुए खूबसूरत पलों को फिर से जीने की एक गहरी इच्छा को व्यक्त करता है।
कवि चाहता है कि ज़िंदगी वहीं से दोबारा शुरू हो जहाँ सब कुछ सुहाना था —
जहाँ बादल ठहरे हुए थे, फूल खिले थे, और दिलों में उजाले थे।
यह ग़ज़ल यादों, खोए हुए प्यार, और अधूरी ख्वाहिशों की एक नर्म, भावुक याद दिलाती है।
Jagjit singh gajal
jagjit singh gazal
jagjit singh gazal shayari
jagjit singh and guljar ji
chitra jagjit gazal
#jagjitsingh
#gulzar
#chitra
#gazal
#rakeshchaurasia83
Доступные форматы для скачивания:
Скачать видео mp4
-
Информация по загрузке: