जिस तन लगिआ इश्क़ कमाल || बाबा बुल्ले शाह
Автор: संत सरिता भजन
Загружено: 2025-10-29
Просмотров: 70233
जिस तन लगिआ इश्क़ कमाल,
नाचे बेसुर ते बेताल।
जिस तन लगिआ इश्क़ कमाल,
नाचे बेसुर ते बेताल।
दरदमन्द नूं कोई न छेड़े,
जिसने आपे दुःख सहेड़े।
जम्मणा जीणा मूल उखेड़े,
बूझे अपणा आप ख़िआल।
जिसने वेस इश्क़ दा कीता,
धुर दरबारों फ़तवा लीता।
जदों ह्जूरों प्याला पीता,
कुछ न रह्या जवाब सवाल।
जिसदे अन्दर वस्स्या यार,
उठिया यार ओ यार पुकार।
ना ओह चाहे राग न तार,
ऐंवे बैठा खेडे हाल।
बुल्ल्हिआ शौह नगर सच पाया,
झूठा रौला सब्ब मुकाया।
सच्चियां कारण सच्च समाया,
सच्चे भीतर सच्चा हाल।
~ बाबा बुल्ले शाह
#bullehshah #kabirbhajan #sufibhajan #ishqkamal #sufipoetry #devotionalsong #spiritualbhajan #sufivibes #indianclassical #spiritualmusic #kabirdoha #mysticpoetry #sufism #bullehshahpoetry #sufisong #indianfolk #devotionalsufi #bullehshahbhajan #kabirsufi #peacefulmusic #acousticbhajan #indianbhakti #spiritualjourney #soulfulvibes #sufisoul
Доступные форматы для скачивания:
Скачать видео mp4
-
Информация по загрузке: