करणाराम भील: जैसलमेर के रेगिस्तान की वो दास्तान, जो 35 साल बाद भी अनसुलझी है KaranaramBhil Jaisalmer
Автор: Jalore History
Загружено: 2024-11-16
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करणाराम भील: जैसलमेर के रेगिस्तान की वो दास्तान, जो 35 साल बाद भी अनसुलझी है KaranaramBhil Jaisalmer
राजस्थान का रेगिस्तान अपने रेत के टीलों, ऐतिहासिक किलों और अनगिनत रहस्यमयी कहानियों के लिए जाना जाता है। इन्हीं कहानियों में एक नाम है – करणाराम भील, जो एक समय जैसलमेर के रेगिस्तान में कुख्यात डाकू के रूप में जाना जाता था। लेकिन उसके जीवन का दूसरा पक्ष उसे एक महान लोक कलाकार और विश्वविख्यात नड़ वादक के रूप में भी दिखाता है। करणाराम की मौत के बाद उसकी कहानी और भी रहस्यमयी हो गई, क्योंकि आज तक उसके कटे सिर का कोई पता नहीं चल पाया है।
डकैत से कलाकार बनने तक का सफर
करणाराम भील का जन्म एक सामान्य परिवार में हुआ था। युवा अवस्था में उसने जैसलमेर और बाड़मेर के रेगिस्तानी इलाकों में डकैत के रूप में अपनी पहचान बनाई। उसका नाम सुनते ही लोग डर से कांप जाते थे। लेकिन उसका जीवन तब बदल गया, जब उसने अफगानिस्तान की एक युवती लाली को दिल दे दिया।
लाली को नड़ वादन बेहद पसंद था, और उसे प्रभावित करने के लिए करणाराम ने नड़ वादन सीखा। देखते ही देखते वह जैसलमेर का सबसे प्रसिद्ध नड़ वादक बन गया। उसकी कला इतनी प्रभावशाली थी कि उसने तत्कालीन राष्ट्रपति ज्ञानी जैल सिंह के सामने नड़ वादन कर अपनी सजा माफ करवाई।
गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में नाम दर्ज
करणाराम भील अपनी अनोखी मूंछों के लिए भी प्रसिद्ध था। उसकी मूंछों की लंबाई आठ फीट थी, जिसके लिए उसका नाम गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में दर्ज किया गया। जैसलमेर में हर साल उसकी याद में मूंछ प्रतियोगिता आयोजित की जाती है, जो उसकी विरासत को जीवित रखती है।
खून से लिखी गई कहानी: सिर कटने का रहस्य
2 अक्टूबर 1988 का दिन करणाराम के जीवन का सबसे काला दिन साबित हुआ। वह अपनी ऊंटगाड़ी पर पशुओं के लिए चारा लेने निकला था। सोनार किले के पास छिपे हुए चार हमलावरों ने अचानक उस पर हमला कर दिया। करणाराम का सिर धड़ से अलग कर दिया गया, और हत्यारे उसका सिर लेकर फरार हो गए।
उसका धड़ ऊंटगाड़ी पर रखा मिला, लेकिन सिर का आज तक कोई पता नहीं चल पाया। परिवार और स्थानीय लोगों का मानना है कि हत्यारे सिर को पाकिस्तान ले गए।
35 साल से अधूरा अंतिम संस्कार
हिंदू परंपरा के अनुसार, अंतिम संस्कार के लिए शरीर का सिर और धड़ दोनों होना आवश्यक है। सिर न मिलने के कारण, करणाराम के परिवार ने 35 साल से उसका अंतिम संस्कार नहीं किया है। उन्होंने केवल उसके धड़ को सोनार किले के पास दफना दिया।
हत्या की वजह: बदले की आग
करणाराम ने 1965 में जमीन विवाद के दौरान इलियास नाम के एक व्यक्ति की हत्या कर दी थी। इलियास का बेटा कायम खान और उसके साथियों ने बदला लेने के लिए करणाराम की हत्या की। माना जाता है कि हत्यारे पाकिस्तान भाग गए, लेकिन उनकी गिरफ्तारी कभी नहीं हो सकी।
क्या कभी सुलझेगा यह रहस्य?
करणाराम भील की हत्या का मामला पुलिस ने सालों पहले बंद कर दिया। परिवार और स्थानीय लोग अब भी इस उम्मीद में हैं कि कभी न कभी करणाराम के सिर का पता चलेगा और उनकी आत्मा को शांति मिलेगी।
करणाराम: कला और खौफ का अनोखा संगम
करणाराम भील एक ऐसा व्यक्तित्व था, जो कला और ताकत का अनोखा संगम था। वह जहां एक ओर अपने नड़ वादन से लोगों का दिल जीतता था, वहीं दूसरी ओर उसकी ताकत और मूंछों का रौब हर किसी को प्रभावित करता था।
आज जैसलमेर की सुनहरी रेत में दफन उसकी कहानी, राजस्थान की लोक संस्कृति का एक ऐसा अध्याय है, जो कभी भुलाया नहीं जा सकेगा। करणाराम भील की दास्तान सिर्फ एक इंसान की कहानी नहीं है, बल्कि यह उस दौर के समाज, कला, और संघर्ष का प्रतीक है।
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