भारत की लोक कथाएं | मणिपुर की कहानियाँ | सूरज और मुर्गा
Автор: Folktales of India
Загружено: 2025-11-05
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जब हम छोटे थे, हम में से कई ने सोचा होगा कि
मुर्गा सूरज उगने से पहले और डूबने से पहले क्यों बोलता है?
यह मणिपुर की एक लोककथा का संक्षिप्त रूप है, जो इस बारे में एक बहुत ही रोचक कहानी बताती है।
कहानी यह बताती है कि एक समय ऐसा आया जब मनुष्यों की कृतघ्नता (अर्थात् उपकार का बदला न देना) की वजह से सूरज नाराज़ होकर गायब हो गया।
जब अंधेरा फैल गया, तो सभी जीव-जंतु परेशान हो गए और वे मुर्गे के पास मदद माँगने पहुँचे।
मुर्गे की पुकार और कोशिशों की वजह से सूरज वापस आया और दुनिया में फिर से रोशनी फैल गई।
इसीलिए आज भी मुर्गा सूरज आने और जाने से पहले बांग देता है।
इस लोककथा को मणिपुर की जनजातीय चित्रकला और संस्कृति से प्रेरित शैली में चित्रित किया गया है।
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श्रेय
निर्माता और रचनात्मक निर्देशक: प्रतीक सेठी
अनुसंधान, एनीमेशन डिज़ाइन और निर्देशन: हेलिक ठाकुर
कथावाचन और आवाज़: प्राची शिरोडकर
ध्वनि डिज़ाइन: राहुल राउत, हूच स्टूडियोज़
विशेष धन्यवाद: आकाशनील दत्ता, हिमाद्रि मंडल, अद्वैत राजाध्यक्ष, परी तावले, विनय ओत्तुर, यशविनी सोलंकी
प्रोडक्शन सहायता: विजय उबाले
प्रोजेक्ट अकाउंटेंट: दीपक पाटिल
डिज़ाइन हाउस: ट्रिप क्रिएटिव सर्विसेज
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