11 April 2025
Автор: Sandhya Bhakti Jain Songs
Загружено: 2025-04-10
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Sandhya Bhakti channel brings to you a collection of Prachin, Arvachin Stavan & Sanjay composed by Purvacharyas and melodiously sung by various singers.
These stavana can be used in Pratikraman, Chaityavandan and Prabhu Bhakti.
संध्या भक्ति चैनल आपके लिए प्राचिन, अरवाचिन स्तवन और सज्जाय का संग्रह लाया है, जो पूर्वाचार्यों द्वारा रचित और विभिन्न गायकों द्वारा गाया गया है।
इन स्तवन का उपयोग प्रतिक्रमण, चैत्यवंदन और प्रभु भक्ति में किया जा सकता है।
संपूर्ण स्तवन-
सप्तम जिनवर सेवीए, श्री सुपार्श्व जिनराज सलूणा अंतरजामी छो महारा रे,
आतमना आधार सलूणा.
जिम जिम अरिहंत सेवीए रे, तिम तिम प्रगटे ज्ञान सलूणा
ज्ञान विना समकित नहीं रे,
समकित सुखनुं मूळ सलूणा.
ज्ञान अनंतु पामवा रे, पूजो अरिहंत भूप सलूणा
भाव सहित प्रभु पूछ्तां रे,
केई हुआ तद्दरूप सलूणा.
जल चंदन पूष्प धूपनी रे, दीप अक्षत नैवेद्य सलूणा
फल पूजा करतां थकां रे,
मोक्ष तणुं फळ होय सलूणा.
भव अनंता भमतां थकां रे, पाम्यो प्रभु देदार सलूणा
मोहन पद पंकज सेवतां रे,
हेम वरे शिवनार सलूणा.
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