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Автор: Arya News Jharkhand
Загружено: 21 апр. 2025 г.
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तेरह साल पहले पिता की कैंसर से हुई मृत्यु मां ने हार नहीं मानी और अब अड़की की बेटी सुषमा ने जेईई मेंस परीक्षा पास की पर चिंता सता रही है कैसे बनेगी इंजिनियर @AryaNewsJharkhand खबर आप तक
खूँटी जिले अड़की प्रखण्ड अंतर्गत नौढ़ी गाँव की एक जनजातीय असहाय गरीबी की मार झेलते हुए अभावग्रस्त जिंदगी में अपनी पढ़ाई को जारी रख जेईई मेंस परीक्षा उत्तीर्ण कर गयी है। नाम है उसका सुषमा कुमारी। सुषमा के पिताजी का नौ वर्ष पहले देहांत है चुका है। और माँ ही सुषमा और उसका छोटा भाई को लालन पालन कर रही है। घर की बड़ी बेटी है जिसकी माँ खेती-बाड़ी करके बच्चों को एक छोटे से कच्चे मकान में रखकर पालन पोषण और पढ़ाई लिखाई करा रही हैं। आज सुषमा के इस बड़ी उपलब्धि से सुषमा की माँ और छोटा भाई काफी खुश है। लेकिन एक तरफ खुशी के आँसू हैं तो दूसरी ओर पश्चाताप का ग़म। जब सुषमा ने यह कह दिया कि पढ़ाई करके पास करने का क्या फायदा जब जिस निमित्त पढ़ाई किये वो हासिल ही नहीं हो पाएगा। वहीं अब सुषमा और उसकी माँ को चिंता में डाल दिया है कि बेटी पढ़-लिखकर गरीबी के कारण कुदाल उठाना पड़ जाएगा। पिताजी नौ वर्ष पहले कैंसर की बिमारी से मर गये जब वो मात्र चार वर्ष की थी। और उसका छोटा भाई गोद में था। तब से माँ ही एक छोटे से घर में खेती बाड़ी करके पालन पोषण की और पढ़ा लिखा रही है। जो यह गरीबी फिर से सुषमा को आगे बढ़ने से रोकने का रोड़ा और अभिशाप बनाता नजर आ रहा है। कि इंजिनियर बनने का सपना कहीं टूट न जाए। गाँव में अबतक एक भी इंजिनियर नहीं बन पाए और एक जनजातीय गरीब बिना पिताजी के माँ के बुद्धिमानी के कारण इतना पढ़ पायी। लेकिन पढ़ाई करके ज्यादा अफसोस है कि मां के हाथ बँटाने के बजाए पढ़ाई तो की पर अब इंजिनियरिंग करने के लिए पैसे नहीं हैं। सुषमा स्थानीय सांसद विधायक सांसद और जिला प्रशासन से उम्मीद करती है कि वो इंजिनियरिंग की पढ़ाई के लिए मदद करेंगे। तो फिर अपना जीवन बदल पाएगा। नहीं तो आज जैसा है फिर वापस इसी दुनिया में आना पड़ जाएगा।

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