Tordi Sagar vlog..टोरडी सागर बांध.. का इतिहास ADR_entertainment .. r2h..vloger
Автор: Life Cupping Therapy
Загружено: 2022-12-20
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मालपुरा उपखंड के सबसे बड़े जलाशय टोरडी सागर बांध में बरसात की कमी के कारण बीते चौबीस साल से भराव क्षमता 30 फुट के मुकाबले चौथाई पानी भी नहीं भरता। हालत यह है कि दस हजार हैक्टेयर कमांड एरिया के कृषि क्षेत्र की सिंचाई का एक मात्र साधन माने जाने वाले बांध की उपयोगिता बरसात की कमी के कारण समाप्त हो रही है।
यही कारण है कि बांध के पानी से सिंचाई के लिए बनी करीब 180 किलोमीटर लंबी तीनों नहरें लंबे समय से बेकार साबित हो रही है। 1887 में बने टोरडी सागर बांध में पानी की आवक लगातार घटने से इसके पानी से लाभांवित होने वाले करीब 88 गांवों के सामने साल दर साल सिंचाई का संकट गहरा रहा है, हजारों बीधा कृषि भूमि सिंचाई के अभाव में बजंर रहने लगी है।
टोरडी सागर बांध मालपुरा से टोडारायसिंह रोड पर मालपुरा से करीब 12 किलोमीटर दूर दाई तरफ 30 स्कवायर किलोमीटर लंबे चौड़े क्षेत्र में फैला विशाल जलाशय है। करीब 130 साल पुराना टोरडी सागर बांध पहली बार वर्ष 1996 में ओवरफ्लो हुआ जब करीब चार फुट से ज्यादा चादर चली थी तथा पानी का अत्यधिक बहाव होने के कारण पास से गुजर रही रेलवे पटरी व टोडा रोड टूट गया गया था।
दूसरे बड़े बांध भेरूसागर चांदसेन की 8 साल पहले चली थी चादर
मालपुरा उपखंड के दूसरे बड़े बांध भेरूसागर चांदसेन की चादर आठ साल पहले चली थी। बीस फुट भराव क्षमता वाले इस बांध में भी बरसात की कमी का असर लंबे समय से दिखाई दे रहा है।
चांदेसन के इस बांध से करीब बीस गांवों की 2596 हैक्टेयर कृषि भूमि में सिंचाई होती है। चांदसेन की बांध की दो नहरें है। आजादी पूर्व स्टेट टाइम से निर्मित इस बांध में कई वर्षों से क्षमता अनुसार पानी नहीं भरने से खासतौर पर कमांड एरिया में आने वाले ग्रामीण किसानों सिंचाई के समय मायूस रहना पड़ता है ।
टोरडी व चांदसेन बांध में कब कितना भरा पानी
टोरडी सागर बांध पर नजर डाले तो वर्ष 2014 में 27 फुट पानी आया जबकि वर्ष 2015 में 13 फुट10 इंच, वर्ष 16 में 13 फुट, वर्ष 17 में 3 फुट 9 इंच, वर्ष 18 में 10 फुट पानी की आवक हुई। इसी प्रकार चांदसेन बांध में वर्ष 2014 में 15 फुट पानी की आवक हुई जबकि वर्ष 2015 में 8 फुट , वर्ष 16 में 8 फुट, वर्ष 17 में 3 फुट 3 इंच, वर्ष 18 में 6 फुट11 इंच पानी आया है। लंबे समय से बांध खाली रहने का मुख्य कारण बरसात की कमी के साथ आवक के रास्तों में एनीकट व फार्मपोंड सहित अन्य रुकावट के कारण मुख्य माने जाते है।
बारिश की कमी से बांधाें में आ रहा है मामूली पानी
उधर, मालपुरा सिचाई एईएन सीताराम शर्मा का कहना है कि बरसात की कमी के कारण बांधों में क्षमता के मुकाबले मामूली पानी आने से सिंचाई क्षेत्र को लाभ नहीं मिल रहा है। मालपुरा उपखंड के टोरडी सागर व भैरू सागर बांध बड़े जलाशय है लेकिन लंबे समय से पानी की कमी बनी रहती है।
दो साल से रिपेयरिंग नहीं
सिंचाई विभाग के एक्सईएन राधामोहन शर्मा का कहना है कि बांध की रिपेयरिंग के नाम पर बीते दो सालों के दौरान कोई पैसा खर्च नहीं किया गया है।
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