Top 5 Morning Mantra - प्रातः काल के पांच मंत्र । Mantras To Start Your Day With। Subah Ki Prathna
Автор: Nova Spiritual India
Загружено: 2025-02-21
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Top 5 Morning Mantra - प्रातः काल के पांच मंत्र । Mantras To Start Your Day With। Subah Ki Prathna
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Credits:
Title: Pratah Kaal Ke 5 Mantra
Singer: Brahmins
Lyrics: Traditional
Music Director: Subhash Jena
Edit & Gfx : Mind Pro
Music Label: Music Nova
Song Listing:
00:00 - Intro
00:48 - कराग्रे वस्ते लक्ष्मी
01:56 - समुद्रवसने देवी
03:04 - आदिदेव नमस्तुभ्यं
04:17 - ब्रह्मा मुरारिस्त्रिपुरान्तकारी
05:34 - त्वमेव माता च पिता त्वमेव
Lyrics & Meaning:
1) कराग्रे वस्ते लक्ष्मी
कराग्रे वसते लक्ष्मी करमध्ये सरस्वती । करमूले तू गोविन्दः प्रभाते करदर्शनम् ॥
अर्थ:- हाथ के शीर्ष पर (यानी हथेली) देवी लक्ष्मी का निवास है और हाथ के मध्य में देवी सरस्वती का निवास है, हाथ के
आधार पर श्री गोविंद रहते हैं; इसलिए, हमें सुबह के समय अपने हाथों को देखना चाहिए और उनके दर्शन करना चाहिए ॥
2) समुद्रवसने देवी
समुद्र वसने देवी पर्वत स्तन मंडित। विष्णु पत्नी नमस्तुभ्यं पाद स्पर्श क्षमश्वमेव
अर्थ:- समुद्र जिसमे वास करते हैं, जिसने पर्वतों को धारण किया हुआ है, जो सन्सार को पोषित करने वाली है, विष्णु की
पत्नी आपको मेरे चरणोंसे स्पर्श करने जा रहा हूँ, माँ मुझे क्षमा करना ॥
3) आदिदेव नमस्तुभ्यं
आदिदेव नमस्तुभ्यं प्रसीदमम् भास्कर। दिवाकर नमस्तुभ्यं प्रभाकर नमोऽस्तु ते ॥
अर्थ:- हे आदिदेव भास्कर आपको प्रणाम है, आप मुझ पर प्रसन्न हों, हे दिवाकर! आपको नमस्कार है, हे प्रभाकर! आपको
प्रणाम है। हे सूर्यदेव हर रोज आपकी प्रार्थना करने से युगों तक दरिद्रता (गरीबी) नहीं आती ॥
4) ब्रह्मा मुरारिस्त्रिपुरान्तकारी
ब्रह्मा मुरारिस्त्रिपुरान्तकारी भानुः शशी भूमिसुतो बुधश्चा गुरुश्च शुक्रः शनिराहुकेतवः कुर्वन्तु सर्वे मम सुप्रभातम्
अर्थ:- है ब्रह्मा, विष्णु (राक्षस मुरा के दुश्मन श्रीकृष्ण), शिव (त्रिपुरासुर का अंत करने वाले शिव), सूर्य, चन्द्रमा, मंगल,
बुध, गुरु, शुक्र, शनि, राहु और केतु सभी देवता मेरे दिन को मंगलमय करें ॥
5) त्वमेव माता च पिता त्वमेव
त्वमेव माता च पिता त्वमेवा त्वमेव बन्धुश्च सखा त्वमेव त्वमेव विद्या द्रविणं त्वमेवा त्वमेव सर्व मम देवदेव ॥
अर्थ:- हे प्रभु, तुम ही माता हो, तुम ही मेरे पिता भी हो, बंधु भी तुम ही हो, सखा भी तुम ही हो। तुम ही मेरी विद्या, तुम ही
देवता भी हो। हे परमात्मा आप ही मेरे सब कुछ हो ॥
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