Shantikunj Ashram Haridwar - Gayatri Pariwar || फ्री सेवा एवं साधना स्थल | शांतिकुंज संपूर्ण जानकारी
Автор: Rangila Music Entertainment
Загружено: 2024-11-07
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शांतिकुंज संपूर्ण जानकारी Shantikunj Ashram Haridwar - Gayatri Pariwar || #Bharti Kumar #video
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Vocal credit: भारती कुमारी
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प्राचीन भारतीय विरासत के आलोक में नैतिक-आध्यात्मिक उत्थान के लिए युग निर्माण योजना (युग के पुनर्निर्माण के लिए आंदोलन) के वैश्विक आंदोलन का प्रमुख। यह अखिल विश्व गायत्री परिवार की युग निर्माण योजना का मुख्यालय है, जो दुनिया भर में इसके नब्बे मिलियन से अधिक अनुयायी हैं।
प्राचीन ऋषि परम्पराओं को पुनर्जीवित करने के लिए हिमालय की ऋषि सत्ता के मार्गदर्शन में स्थापित शांतिकुंज हरिद्वार में अखिल विश्व गायत्री परिवार (एडब्ल्यूजीपी) का मुख्यालय है और नैतिक और आध्यात्मिक उत्थान को बढ़ावा देने वाला एक प्रसिद्ध आध्यात्मिक आश्रम है।
यहां आने वाले लोगों को अधिकतम दो दिन रुकने की अनुमति दी जाती है और उन्हें यहां की सभी दैनिक गतिविधियों में भाग लेना होता है। ठहरने की व्यवस्था निःशुल्क है।
शांतिकुंज आश्रम (Shantikunj Ashram)
कहा जाता है कि इस आश्रम में खाने-पीने के साथ-साथ ठहरने की सुविधा फ्री में मिलती है। सुबह और शाम के समय लंगर लगता है जहां कोई भी व्यक्ति खाना-खाने के लिए जा सकता है। हालांकि, यह भी बोला जाता है कि इस आश्रम में ठहरने के लिए आपको आश्रम के छोटे-मोटे कार्य करने पड़ सकते हैं।
शांतिकुंज हरिद्वार के तहत होनी वाली शादी को मान्यता प्राप्त है. अगर यहां शादी की गाइडलाइंस की बात की जाए तो लड़के की उम्र 21 वर्ष और लड़की की उम्र 18 वर्ष होनी चाहिए. दोनों पक्ष को इससे संबंधित प्रमाण भी देना होता है. गायत्री मंदिर में वैवाहिक पद्धति अनोखी व पूरी तरह से पारंपरिक रहता है.
शांतिकुंज की स्थापना 1971 में श्रीराम शर्मा और भगवती देवी शर्मा ने ज़मीन के एक छोटे से टुकड़े पर की थी। इसका विस्तार गायत्री नगर तक किया गया। शांतिकुंज एवं देव संस्कृति विश्वविद्यालय श्री वेदमाता गायत्री ट्रस्ट के अंतर्गत कार्य करता है, जिसकी अध्यक्ष श्रीमती शैलबाला पंड्या हैं।
अखिल विश्व गायत्री परिवार (AWGP) पण्डित श्रीराम शर्मा अचार्य द्वारा स्थापित हिन्दू सुधार आन्दोलन है। इसकी स्थापना वैदिक सनातन धर्म के सिद्धांतों के आधार पर १९५० के दशक में हुई थी। इस संस्था ने विचार क्रान्ति अभियान, प्रज्ञा अभियान आदि चलाये जिसका उद्देश्य जनमानस में वैचारिक परिवर्तन लाकर समाज का उत्थान करना है।
निकटतम स्टेशन: हरिद्वार रेलवे स्टेशन प्रमुख शहरों से अच्छी तरह जुड़ा हुआ है। स्टेशन से यात्रा: स्टेशन से आप शांतिकुंज तक ऑटो-रिक्शा या टैक्सी ले सकते हैं, जो लगभग 6 किमी दूर है
शांतिकुंज के संस्थापक वेदमूर्ति गायत्री तपोनिष्ठ पंडित श्रीराम शर्मा आचार्य हैं। उनका जन्म 20 सितम्बर 1911 को आगरा के आंवलखेड़ा गांव में हुआ था। बेहद सादा जीवन जीने वाले श्रीराम ने अपने जीवनकाल में 3200 किताबें लिखीं और आजादी की लड़ाई में भी अहम भूमिका निभाई।
आप आंदोलनों के बारे में अधिक जानकारी प्राप्त करने के लिए [email protected] पर मेल भी कर सकते हैं। अपनी रुचि की गतिविधियों में भाग लेने के लिए हमारी स्थानीय टीम में शामिल हों। अपने क्षेत्र के स्थानीय संपर्कों का पता लगाएँ। इसके अलावा, गायत्री परिवार के मुख्यालय शांतिकुंज में साल में कम से कम एक बार अवश्य जाएँ।
श्रीराम शर्मा पण्डित श्रीराम शर्मा आचार्य (२० सितम्बर १९११ - ०२ जून १९९०) भारत के एक युगदृष्टा मनीषी थे जिन्होंने अखिल विश्व गायत्री परिवार की स्थापना की।
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