मन्दिर श्री दक्षेश्वर महादेव जी कनखल हरिद्वार उत्तराखंड #
Автор: Haridwar Temple Uttarakhand
Загружено: 2025-09-04
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महादेव जी की नगरी हरिद्वार
श्री दक्षेश्वर महादेव जी पौराणिक मन्दिर कनखल हरिद्वार उत्तराखंड
शिव जी का विवाह यहीं सती माता से कनखल मे हुआ था प्रजापति दक्ष शिव जी के ससुर थे उनको यहीं बकरे का सिर लगा कर उन्हे जीवन दान शिव जी ने दिया था राजा दक्ष शिव जी का अपमान करने के लिए बहुत बडा यज्ञ किया शिव जी को बुलाया नही दक्ष पुत्री सती।बिना शिव की आज्ञा लिये अपने पिता के यज्ञ में आ गयी शिव जी का यज्ञ मे कोई स्थान नही दिया गया देख कर यज्ञ शाला मे अपनी प्राण त्याग दी
शिव जी को पता चला नारद जी सारे यज्ञ वृत्तान्त शिव जी को आकर बताये शिव जी क्रोध मे अपनी जटा से काली और वीरभद्र को प्रकट कर के दक्ष यज्ञ विध्वंस करने की आज्ञा देकर कनखल के यज्ञ मे भेज दिये
वीर भद्र जी और काली आ कर पूरे यज्ञ शाला का विनाश कर दिये वीरभद्र जी सती माता को यज्ञ शाला की अग्नि मे देख कर क्रोधित होकर दक्ष का सर काट उसी कुण्ड मे डाल दिये ,
पौराणिक मन्दिर शिव जी का ससुराल है ।श्री दक्षेश्हाँ गंगा जी दर्शन जल लाकर भक्त गण शिव जी को चलाते हे
षास ही गंगा माता निरंतर बहती है
यहाँ से हर की पौड़ी हरिद्वार की गंगा आती है
सती माता से ही 51 शक्तिपीठ बना जिसे शक्तिपीठ के नाम से जानते हे जहाँ जहाँ शक्तिपीठ है वहाँ पर एक भैरव प्रकट हु शिव जी के अन्दर से वो शक्तिपीठ की रक्ष करते है
श्री भैरवाय नमः
यहाँ पर शिव लिंग धड स्वरूप मे विराजमान है
नाम दक्ष के इश्वर दक्षेश्वर शिव जी साक्षात राजा दक्ष के नाम से विराजमान हैं
सैलानी दुनियाभर से शिव जी के ससुराल की दर्शन करने आते है
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