गौरा ढूंढ रही पर्वत पर | शिव भजन | Gora Dhund Rahi Parvat Par
Автор: लोक भजन कीर्तन
Загружено: 2025-01-24
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गौरा ढूंढ रही पहाड़ा में शिव को पति बनाने को Gora Dhund Rahi Phada Me Lyrics
गौरा ढूंढ रही पहाड़ा में शिव को पति बनाने को
ना चाहिए मुझे सिर पर रखडी शीश सजाने को
राम नाम की माला चाहिए रोज ही फेरन को
गौरा ढूंढ रही पहाड़ा में शिव को पति बनाने को
गौरा ढूंढ रही पहाड़ा में शिव को पति बनाने को
ना चाहिए मुझे कान में लटकन कान सजाने को
ना चाहिए मुझे झुमका लटकन कान सजाने को
राम नाम की माला चाहिए रोज ही फेरन को
गौरा ढूंढ रही पहाड़ा में शिव को पति बनाने को
गौरा ढूंढ रही पहाड़ा में शिव को पति बनाने को
ना चाहिए मुझे गले मे हरवा गला सजाने को
ना चाहिए मुझे गले मे हरवा गला सजाने को
राम नाम की माला चाहिए रोज ही फेरन को
गौरा ढूंढ रही पहाड़ा में शिव को पति बनाने को
गौरा ढूंढ रही पहाड़ा में शिव को पति बनाने को
ना चाहिए मुझे पाँव में पायल पाँव सजाने को
ना चाहिए मुझे पायल बिछिया पाँव सजाने को
राम नाम की माला चाहिए रोज ही फेरन को
गौरा ढूंढ रही पहाड़ा में शिव को पति बनाने को
गौरा ढूंढ रही पहाड़ा में शिव को पति बनाने को
ना चाहिए मुझे तन पर लहंगा अंग सजाने को
ना चाहिए मुझे तन पर लहंगा अंग सजाने को
राम नाम की माला चाहिए रोज ही फेरन को
गौरा ढूंढ रही पहाड़ा में शिव को पति बनाने को
गौरा ढूंढ रही पहाड़ा में शिव को पति बनाने को
ना चाहिए मुझे सिर पर चुनर शीश सजाने को
ना चाहिए मुझे सिर पर चुनर शीश सजाने को
राम नाम की माला चाहिए रोज ही फेरन को
गौरा ढूंढ रही पहाड़ा में शिव को पति बनाने को
गौरा ढूंढ रही पर्वत पर Gora Dhund Rahi Parvat Par Lyrics
गौरा ढूंढ रही पर्वत पर,
शिव को पति बनाने को,
पति बनाने को, भोले को,
पति बनाने को,
गौरा ढूंढ रही पर्वत पे,
शिव को पति बनाने को ॥
ना चाहिए मुझे माथे का टिका,
मांग सजाने को,
हमें तो चाहिए भोला तेरी माला,
हरी गुण गाने को,
गौरा ढूंढ रही पर्वत पे,
शिव को पति बनाने को ॥
ना चाहिए मुझे सोने की नथनी,
नाक सजाने को,
हमें तो चाहिए भोला तेरी माला,
हरी गुण गाने को,
गौरा ढूंढ रही पर्वत पे,
शिव को पति बनाने को ॥
ना चाहिए मुझे गले का हरवा,
गला सजाने को,
हमें तो चाहिए भोला तेरी माला,
हरी गुण गाने को,
गौरा ढूंढ रही पर्वत पे,
शिव को पति बनाने को ॥
ना चाहिए मुझे सोने का कंगना,
हाथ सजाने को,
हमें तो चाहिए भोला तेरी माला,
हरी गुण गाने को,
गौरा ढूंढ रही पर्वत पे,
शिव को पति बनाने को ॥
ना चाहिए मुझे रेशम की साड़ी,
तन पे सजाने को,
हमें तो चाहिए भोला तेरी माला,
हरी गुण गाने को,
गौरा ढूंढ रही पर्वत पे,
शिव को पति बनाने को ॥
ना चाहिए मुझे सोने की करधनी,
कमर सजाने को,
हमें तो चाहिए भोला तेरी माला,
हरी गुण गाने को,
गौरा ढूंढ रही पर्वत पे,
शिव को पति बनाने को ॥
गौरा ढूंढ रही पर्वत पर,
शिव को पति बनाने को,
पति बनाने को, भोले को,
पति बनाने को,
गौरा ढूंढ रही पर्वत पे,
शिव को पति बनाने को ॥
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