कोरोना बार बार क्यों आता है...क्या ये एक षड्यंत्र है??
Автор: News janshakti
Загружено: 2025-07-03
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इस वीडियो में, अतुल मिश्रा ने षड्यंत्र के सिद्धांतों के संदर्भ में कोविड-19 की आवर्ती घटना पर चर्चा की है, कोरोना के बाद एक और कोरोना क्यों??? जब बूटी( वैक्सीन) इलाज था तो दुबारा बीमारी कैसे? आ गई क्या जनता को अभी जो करोना आया उसमें षड्यंत की बु नजर नहीं आ रही है ? विशेष रूप से इल्लुमिनाती और महामारी जैसी घटनाओं के माध्यम से वैश्विक नियंत्रण, जनसंख्या में कमी और हेरफेर के लिए उनकी कथित योजनाओं पर ध्यान केंद्रित किया है। वह कृत्रिम मौसम हेरफेर और समाज में प्रौद्योगिकी की भूमिका के बारे में चिंताओं को संबोधित करते हुए वायरस, टीकों और उनके बड़े एजेंडे से संबंधों के एजेंडा पर सवाल उठाते हैं। अतुल मिश्रा पूरे एजेंडा को बाइबिल की भविष्यवाणियों से जोड़ते हैं, जो शक्तिशाली इल्युमिनाटी संस्थाओं द्वारा संचालित एक व्यापक योजना के तहत मानवता को अंत करने पे इल्युमिनाटी गैंग वाले तुले हुए है।
1.इल्लुमिनाति की उत्पत्ति और लक्ष्य:
अतुल मिश्रा 1776 में स्थापित इल्लुमिनाती की उत्पत्ति के बारे में बताते हैं कि इसका उद्देश्य 17 सतत विकास लक्ष्यों के साथ एक नई विश्व व्यवस्था बनाना है जो प्रगति के आवरण में हानिकारक एजेंडों को छिपाती है कि उनकी योजना में 2030 तक जनसंख्या कम करना शामिल है।
2.डार्क वेब की भूमिका:
अतुल मिश्रा डार्क वेब की अवधारणा पर विस्तार से बताते हैं, इसकी संरचना और वहां होने वाली अवैध गतिविधियों के प्रकारों को समझाते हैं, जिसमें यातना और नशीली दवाओं की तस्करी शामिल है। वह इस बात पर जोर देते हैं कि डार्क वेब में बिना सेंसर की गई जानकारी का विशाल भंडार है और वैश्विक षड्यंत्र सिद्धांतों के साथ इसके जुड़ाव पर प्रकाश डालते हैं।
3.कोविड-19 और इसकी उत्पत्ति
कोविड-19 महामारी पर चर्चा करते हुए अतुल मिश्रा ये कहते कि करोना वायरस का पेटेंट 2015 में कराया गया था और वायरस की जैविक प्रकृति पर सवाल उठाए। उनका सुझाव है कि वायरस का फिर से उभरना टीकाकरण के माध्यम से आबादी को नियंत्रित करने की योजना का संकेत है, जो इसे सामाजिक हेरफेर के लिए एक बड़ी साजिश से जोड़ता है। मिश्रा बताते है कि वायरस इंसान को नुकसान नहीं पहुंचा सकता वायरस कंप्यूटर और मोबाइल को नुकसान पहुंचाता है।।।
4.कृत्रिम मौसम हेरफेर
मिश्रा का दावा है कि कृत्रिम साधनों के ज़रिए मौसम में हेरफेर किया जा रहा है, इसके लिए वे भारत में नियोजित कृत्रिम बारिश जैसे उदाहरण देते हैं। अभी दिल्ली मै 4 जुलाई से 11 जुलाई तक कृत्रिम बारिश कराई जा रही है ये अभी बारिश का मौसम चल रहा है फिर अभी ये कृत्रिम वर्षा कराने की जरूरत क्या पड़ी? यह पर्यावरण अराजकता के ज़रिए खाद्य आपूर्ति और जनसंख्या को नियंत्रित करने के उद्देश्य से एक व्यापक एजेंडे का हिस्सा है।
5.वैक्सीन एजेंडा और दुष्प्रभाव:
अतुल मिश्रा ने जोर देकर कहा कि टीकाकरण नैनोकणों के माध्यम से नियंत्रण से जुड़ी एक बड़ी साजिश का हिस्सा है और भविष्य में बीमारी की लहरों को इन टीकाकरणों के परिणामस्वरूप होने वाली नई बीमारियों के रूप में लेबल किया जाएगा, जिससे स्वास्थ्य सेवा पर निर्भरता का चक्र जारी रहेगा।।।
6.बाइबिल की भविष्यवाणी:अतुल
मिश्रा वर्तमान घटनाओं और अंत समय से संबंधित बाइबिल की भविष्यवाणियों को जोड़ते हैं, और सुझाव देते हैं कि प्रौद्योगिकी का उदय, टीकों पर जोर और समाज की संरचना ये सब बाइबल भविष्यवाणियों की पूर्ति हैं।
7.तीसरे मंदिर की अवधारणा:
अतुल मिश्रा बाइबिल की भविष्यवाणी में तीसरे मंदिर के महत्व पर चर्चा करते हुए तर्क देते हैं कि इसकी स्थापना भ्रामक प्रथाओं से जुड़ी हुई है और वर्तमान भू-राजनीतिक घटनाएं इसके अनुमानित निर्माण के अनुरूप हैं। ये क्राइस्ट के खिलाफ षड्यंत्र है।। ये मंदिर नहीं बनेगा।।। बाइबल मै इसका कही जिक्र नहीं किया गया है ।। ये एंटी क्राइस्ट के लिए बनाया जा रहा है।।।।
ये कुछ Short नोट्स थे ये वीडियो की पूरी व्याख्या नहीं है।।। एजेंडा विस्तार से समझने के लिए कृपया पूरा वीडियो देखिए
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