#divorce
Автор: Bindal Law Associates (Civil & Divorce Lawyers) .
Загружено: 2025-05-29
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क्या आप तलाक की प्रक्रिया से गुजर रहे हैं और सोच रहे हैं कि क्या अपने जीवनसाथी की फोन या वीडियो रिकॉर्डिंग अदालत में सबूत के तौर पर इस्तेमाल की जा सकती है? इस वीडियो में हम तलाक के मामलों में टेप रिकॉर्डिंग या वीडियो रिकॉर्डिंग के कानूनी पहलुओं को समझाते हैं। चाहे आप तलाक मध्यस्थता की तलाश कर रहे हों या हाई-कॉन्फ्लिक्ट को-पैरेंटिंग की स्थिति में हों, फैमिली कोर्ट में कौन सा सबूत स्वीकार्य है, यह जानना बेहद जरूरी है। हमारा विशेषज्ञ कानूनी मार्गदर्शन आपको तलाक की प्रक्रिया में मदद करेगा, जिससे आप फैमिली लॉ की जटिलताओं को समझ सकें और चाइल्ड कस्टडी पाने की संभावना बढ़ा सकें। तलाक की तैयारी से लेकर चाइल्ड कस्टडी जीतने तक, हम हर कदम पर आपकी मदद करेंगे। जानिए तलाक कोर्ट में रिकॉर्डिंग की भूमिका और कैसे आप इन्हें अपने पक्ष में इस्तेमाल कर सकते हैं।
*महत्वपूर्ण जानकारी:* भारत में, बिना सहमति के की गई फोन या वीडियो रिकॉर्डिंग आमतौर पर अदालत में सबूत के तौर पर स्वीकार नहीं की जाती, क्योंकि यह निजता के अधिकार का उल्लंघन मानी जाती है. हालांकि, कुछ मामलों में अदालतें इलेक्ट्रॉनिक सबूत (जैसे फोटो, वीडियो, चैट्स) को सेक्शन 65B, इंडियन एविडेंस एक्ट के तहत स्वीकार कर सकती हैं, लेकिन इसके लिए विशेष परिस्थितियों और कोर्ट की अनुमति जरूरी होती है[4]।
इसलिए, रिकॉर्डिंग का कानूनी इस्तेमाल करने से पहले किसी अनुभवी फैमिली लॉयर से सलाह जरूर लें।
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