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कै सेवा कर साधु की || KABIR DOHE || Dhyan Sutra

Автор: Ajay Nirankari

Загружено: 2025-10-09

Просмотров: 1287

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संत कबीर दास जी के इन पदों में जीवन, सत्य, करुणा और भक्ति का गूढ़ संदेश छिपा है।
इस वीडियो में प्रस्तुत हैं कबीर के पद हिंदी में अर्थ सहित, जिससे आप उनके अमर वचनों को समझ सकें और जीवन में उतार सकें।


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📜 कबीर के पद (अर्थ सहित):

कागा काको धन हरे, कोयल काको देय ।
मीठे शब्द सुनाय के, जग अपनो कर लेय ॥

👉 अर्थ: कौआ धन चुराता है, पर कोयल अपने मीठे बोलों से सबका मन जीत लेती है। मधुर वचन से ही दुनिया जीती जाती है।

कबीरा सोई पीर है, जो जा नैं पर पीर ।
जो पर पीर न जानइ, सो काफिर के पीर ॥

👉 अर्थ: वही सच्चा संत है जो दूसरों का दुःख समझे। जो पराए दुःख को न जाने, वह संत नहीं।

कबिरा मनहि गयन्द है, आकुंश दै-दै राखि ।
विष की बेली परि रहै, अमृत को फल चाखि ॥

👉 अर्थ: मन जंगली हाथी के समान है, इसे संयम से रोकना चाहिए। विष जैसे संसार में रहते हुए भी अमृत समान सत्य को पाना चाहिए।

कबीर यह जग कुछ नहीं, खिन खारा मीठ ।
काल्ह जो बैठा भंड पै, आज भसाने दीठ ॥

👉 अर्थ: यह संसार अस्थायी है — जो आज अमीर है, कल राख हो जाता है।

कबिरा आप ठगाइए, और न ठगिए कोय ।
आप ठगे सुख होत है और ठगे दुख होय ॥

👉 अर्थ: अपने मन को वश में करिए, दूसरों को धोखा मत दीजिए। आत्मसंयम सुख देता है, छल दुख।

कथा कीर्तन कुल विशे, भव सागर की नाव ।
कहत कबीरा या जगत, नाहीं और उपाव ॥

👉 अर्थ: कथा और कीर्तन ही जीवन सागर से पार उतरने का एकमात्र उपाय है।

कबीरा यह तन जात है, सके तो ठौर लगा ।
कै सेवा कर साधु की, कै गोविंद गुनगा ॥

👉 अर्थ: यह शरीर नश्वर है, जब तक है तब तक साधु सेवा करो और भगवान का भजन गाओ।

कलि खोटा सजग आंधरा, शब्द न माने कोय ।
चाहे कहूँ सत आइना, सो जग बैरी होय ॥

👉 अर्थ: कलियुग में लोग सत्य नहीं सुनना चाहते, जो सत्य कहे वही जग का शत्रु बन जाता है।

केतन दिन ऐसे गए, अन रुचे का नेह ।
अवसर बोवे उपजे नहीं, जो नहिं बरसे मेह ॥

👉 अर्थ: समय बीत जाने पर अवसर वापस नहीं आते, जैसे बिना वर्षा के बीज अंकुरित नहीं होते।

कबीर जात पुकारया, चढ़ चन्दन की डार ।
वाट लगाए ना लगे फिर, क्या लेत हमार ॥

👉 अर्थ: जब यह शरीर समाप्त हो जाता है, तब कुछ भी हमारे साथ नहीं जाता। इसलिए जीवन में ही सत्य को पहचानो।


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🌼 सार:

कबीर दास जी हमें सिखाते हैं — मधुर बोल बोलो, परोपकार करो, सत्य का पालन करो और जीवन की अस्थिरता को पहचानो।


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कै सेवा कर साधु की || KABIR DOHE || Dhyan Sutra

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