सुहागिन महिलाएं नहीं करती मां धूमावती के दर्शन प्रसाद में चढ़ाया जाता है नमकीन माँपीताम्बरा शक्तिपीठ
Автор: Vidisha Shahar
Загружено: 2025-04-04
Просмотров: 93
पुराणों के अनुसार, मां धूमावती भगवान शिव द्वारा प्रकट की गई 10 महाविद्याओं में से सातवीं महाविद्या हैं। ऐसी मान्यता है कि, माता धूमावती की पूजा विपत्ति से छुटकारा पाने, रोग नाश करने, युद्ध में विजय प्राप्त करने के लिए की जाती है।
मां के प्रकट होने के पीछे एक कथा काफी प्रचलित है।
मां की उत्पत्ति के पीछे एक कथा है प्रचलित
पुराणों में बताया गया है कि ‘एक बार माता पार्वती को बहुत तेज भूख लगी थी, जिसके बाद उन्होंने शिवजी से भोजन मांगा था, लेकिन शिवजी समाधि में लीन थे।
कई बार अनुरोध के बाद भी जब भगवान शिवजी की समाधि नहीं टूटी तो भूख से आतुर माता पार्वती ने भगवान शिव को ही निगल लिया था, लेकिन शिव जी के कंठ में विष होने की वजह से माता के शरीर में जहर पहुंच गया और इससे उनका रूप अत्यंत भयंकर हो गया। शिवजी को निगलने के बाद माता विधवा स्वरूप धारण करती हैं। कुछ समय बाद माता ने शिवजी को अपने पेट से बाहर निकाला, लेकिन घटना से क्रोधित शिव जी ने माता को विधवा स्परूप में रहने का श्राप दे दिया और कहा कि, तुम्हें ये रूप पति को निगलने के बाद मिला है, इसलिए तुम्हारे इस रूप को विधवा के तौर पर पूजा जाएगा।
साथ ही शिव जी ने इस रूप को धूमावती नाम दिया था। तब से मां धूमावती के इस रूप की पूजा की जाती है और भक्तों की माता के इस रूप के प्रति बड़ी आस्था होती है।
#vidisha #vidisha_shahar #dhumavati #pitambarasaktipeeth #maapitambara #datia
Доступные форматы для скачивания:
Скачать видео mp4
-
Информация по загрузке: