Khatu Shyam Chulkana Dham! Delhi to Chulkana Dham By Car | Samalkha | Panipat
Автор: Vicky Kr Vlogs
Загружено: 2025-11-13
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Hello Friends!
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चुलकाना धाम, हरियाणा राज्य के जिला पानीपत, तहसील समालखा में स्थित है। जहां पर बाबाश्याम का भव्य मन्दिर है।
खाटू श्याम की मान्यता पूरे देश में हैं। और लोगों में खाटू श्याम के प्रती बड़ी गहरी आस्था है। आज हम आपको खाटू श्याम के एक ऐसे ही प्राचीन मंदिर के बारे में बताने जा रहे हैं
जिसे कलयुग में सर्वोत्तम तीर्थ माना गया है। जिसे चुलकाना धाम के नाम से जाना जाता है।
यह मंदिर हरियाणा राज्य के पानीपत के समालखा कस्बे से 5 किलोमीटर की दूरी पर स्थित चुलकाना गांव में है और अब ये गांव चुलकाना धाम के नाम से प्रसिद्ध है. और यह राजस्थान के सीकर में बसे खाटू श्याम जी का मंदिर है। आइए जानते हैं इस मंदिर के बारे में।
चुलकाना धाम वह पवित्र स्थान हैं जहां पर बाबा ने शीश का दान दिया था। चुलकाना धाम का सम्बन्ध महाभारत से जुड़ा है। श्री कृष्ण ने युद्ध की सफलता के लिये बर्बरीक से शीश का दान मांगा बर्बरीक ने देवी देवताओं का वंदन किया और माता को नमन कर एक ही वार में शीश को धड़ से अलग कर श्री कृष्ण को शीश दान कर दिया। श्री कृष्ण ने शीश को अपने हाथ में ले अमृत से सींचकर अमर करते हुये एक टीले पर रखवा दिया। जिस स्थान पर शीश रखा गया वो पवित्र स्थान चुलकाना धाम है और जिसे आज हम प्राचीन सिद्ध श्री श्याम मन्दिर चुलकाना धाम के नाम से सम्बोधित करते हैं।
श्रीकृष्ण एक ब्राह्मण का रूप लेकर बर्बरीक के पास पहुंचे और बर्बरीक की परीक्षा लेने के लिए उन्होंने पीपल के पत्तों में छेद करने के लिए कहा. साथ ही, एक पत्ता अपने पैर के नीचे दबा लिया. वहीं, बर्बरीक ने एक ही बाण से सभी पत्तों में छेद कर दिया. श्रीकृष्ण ने कहा, एक पत्ता रह गया है, तब बर्बरीक ने कहा कि आप अपना पैर हटाएं, क्योंकि बाण आपके पैर के नीचे पत्ते में छेद करके ही लौटेगा.
यहां आज भी पीपल का वह पेड़ स्थित है जिसके सारे पत्ते खाटू श्याम ने एक ही तीर से छेद दिए थे।
चुलकाना धाम में मौजूद इस पीपल के पेड़ की लोग परिक्रमा करते हैं और कहते हैं इस पीपल के पेड़ की परिक्रमा करने से मनुष्य की मनोकामनाएं पूरी होती है। लोग इस पेड़ पर अपनी मन्नत का धागा भी बांधते हैं।
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