इस्लाम में सुधार कैसे हो? धर्म में कट्टरता के नतीजे क्या होते हैं? || आचार्य प्रशांत (2025)
Автор: आचार्य प्रशान्त - Acharya Prashant
Загружено: 2025-04-02
Просмотров: 1406703
🧔🏻♂आचार्य प्रशांत गीता पढ़ा रहे हैं। घर बैठे लाइव सत्रों से जुड़ें, अभी फॉर्म भरें — https://acharyaprashant.org/hi/enquir...
📚 आचार्य प्रशांत की पुस्तकें पढ़ना चाहते हैं?
फ्री डिलीवरी पाएँ: https://acharyaprashant.org/hi/books?...
📲 आचार्य प्रशांत की मोबाइल ऐप डाउनलोड करें:
Android: https://play.google.com/store/apps/de...
iOS: https://apps.apple.com/in/app/acharya...
📝 चुनिंदा बोध लेख पढ़ें, खास आपके लिए: https://acharyaprashant.org/en/articl...
➖➖➖➖➖➖
#AcharyaPrashant #आचार्यप्रशांत
वीडियो जानकारी: 17.02.25, गीता समागम, ग्रेटर नोएडा
Title : इस्लाम में सुधार कैसे हो? धर्म में कट्टरता के नतीजे क्या होते हैं? || आचार्य प्रशांत (2025)
📰 Source : https://docs.google.com/document/d/17...
📋 Video Chapters:
00:00 - Intro
00:50 - जिहाद का असली अर्थ
05:07 - औरंगज़ेब: सबसे मज़हबी, सबसे दुखी
11:08 - धर्म दुधारी तलवार: कुछ उदाहरण
15:24 - लिबरल बनो या कट्टर, दुख नहीं छूटता
17:18 - एक ऐसा देश जहाँ धर्म नहीं, पर सुधार हुए
22:29 - चीन का इतिहास: अपमान से बदलाव तक
27:06 - कभी ये देश मॉडर्न हुआ करते थे
30:05 - बुद्ध हों या अंबेडकर, शुरू एक ने किया
36:14 - हिम्मत है तो इस्लाम पर बोलकर दिखाओ
41:02 - इस्लाम में भी बदलाव हुए हैं
विवरण: इस वीडियो में आचार्य जी के मुस्लिम श्रोताओं ने जिहाद के असली अर्थ और इस्लामिक समाज में आंतरिक सुधार की ज़रूरत को लेकर कुछ बेहद महत्वपूर्ण प्रश्न उठाए हैं। संवाद की शुरुआत जिहाद के वास्तविक अर्थ को स्पष्ट करने से होती है, फिर आचार्य जी औरंगज़ेब के जीवन का उदाहरण देते हुए बताते हैं कि कैसे उसके द्वारा अपनाई गई विकृत धार्मिक नीतियाँ भारत के सामाजिक ताने-बाने को गहरे रूप से प्रभावित कर गईं। इसके बाद वे कुछ देशों का उदाहरण लेकर समझाते हैं जो इसी मार्ग पर चले — और आज उनकी सामाजिक व सांस्कृतिक दुर्दशा उस चुनाव का प्रत्यक्ष प्रमाण बन चुकी है।
इस संवाद में वह मूलभूत प्रश्न उठता है — वास्तविक धर्म क्या है, एक सच्चा धार्मिक राष्ट्र कैसा होता है, और आज फैलती धार्मिक कट्टरता का स्थायी समाधान आखिर क्या हो सकता है? इस वीडियो में आचार्य जी एक ऐसे राष्ट्र की ओर भी संकेत करते हैं, जहाँ धार्मिक प्रतीकों को प्राथमिकता नहीं दी गई, लेकिन सामाजिक अनुशासन, पर्यावरण संरक्षण और जीवन मूल्यों पर आधारित शिक्षा जैसे क्षेत्रों में निरंतर प्रगति हुई है। यह चर्चा धर्म और समाज के रिश्तों, और सत्ता के हस्तक्षेप से उत्पन्न जटिलताओं को एक नई और ज़रूरी दृष्टि से समझने का आमंत्रण देती है।
🎧 सुनिए #आचार्यप्रशांत को Spotify पर:
https://open.spotify.com/show/3f0KFwe...
संगीत: मिलिंद दाते
~~~~~
Доступные форматы для скачивания:
Скачать видео mp4
-
Информация по загрузке: