If you purchase car first time , you should know this important things
Автор: LFOP Mistakes
Загружено: 2025-11-23
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यह एक बहुत ही महत्वपूर्ण विषय है। पहली बार कार खरीदना एक रोमांचक अनुभव होता है, लेकिन अक्सर लोग गाड़ी की कीमत पर ही ध्यान केंद्रित करते हैं और कुछ बड़े, छिपे हुए खर्चों (Hidden Costs) को नज़रअंदाज़ कर देते हैं, जो पहली बार कार खरीदते समय आपकी जेब पर पड़ने वाले उन बड़े, अतिरिक्त खर्चों को गहराई से समझाता है, जिनके बारे में अक्सर डीलर बात नहीं करते।
🚗 पहली बार कार खरीदने का कड़वा सच: वह अतिरिक्त भारी रकम जो आपकी जेब से जाएगी
पहली बार कार खरीदना हर किसी के लिए एक सपना होता है। शोरूम की चमकदार रोशनी में खड़ी नई गाड़ी, उसकी खुशबू, और चाबी हाथ में आने का एहसास... यह सब किसी उत्सव से कम नहीं। लेकिन इस उत्सव की तैयारी करते समय, अधिकांश पहली बार खरीदार एक बड़ी गलती करते हैं: वे केवल कार की एक्स-शोरूम कीमत (Ex-Showroom Price) पर ध्यान देते हैं।
सच्चाई यह है कि एक्स-शोरूम कीमत आपकी जेब से निकलने वाली कुल राशि का केवल एक हिस्सा होती है। जैसे ही आप गाड़ी को घर लाने के लिए तैयार होते हैं, कई अतिरिक्त, बड़े और अनिवार्य खर्च (Mandatory Costs) सामने आ जाते हैं, जो आपके बजट को हिला सकते हैं।
यह लेख उन सभी प्रमुख अतिरिक्त खर्चों को विस्तृत रूप से समझाता है, जिन्हें 'पहली बार कार खरीदने वाले' को अपनी जेब से भुगतान करना पड़ता है।
I. अनिवार्य अग्रिम भुगतान (Mandatory Upfront Payments)
ये वे खर्च हैं जिनका भुगतान आपको कार खरीदते समय या डिलीवरी से ठीक पहले करना होता है और ये एक्स-शोरूम कीमत में शामिल नहीं होते हैं:
1. सड़क कर और पंजीकरण (Road Tax and Registration - RTO Charges)
यह सबसे बड़ा और अनिवार्य अतिरिक्त खर्च है।
• क्या है यह? यह वह कर है जो सरकार वाहन को सार्वजनिक सड़कों पर चलाने की अनुमति देने के लिए लेती है।
• कितना लगता है? यह खर्च राज्य-दर-राज्य और कार की कीमत/इंजन साइज़ के आधार पर अलग-अलग होता है। आमतौर पर यह कार की एक्स-शोरूम कीमत का 7% से 20% तक हो सकता है। उदाहरण के लिए, ₹10 लाख की कार पर ₹70,000 से लेकर ₹2,00,000 तक केवल रोड टैक्स और रजिस्ट्रेशन में लग सकते हैं।
• क्यों देना ज़रूरी? इसके बिना आपकी कार का पंजीकरण (Registration) नहीं होगा और आपको कानूनी रूप से गाड़ी चलाने की अनुमति नहीं मिलेगी।
2. अनिवार्य बीमा (Mandatory Insurance)
कार को सड़क पर चलाने से पहले बीमा (Insurance) कराना कानूनन अनिवार्य है।
• क्या है यह? भारत में, थर्ड पार्टी लायबिलिटी इंश्योरेंस (Third Party Liability Insurance) अनिवार्य है। इसमें आपके कारण किसी अन्य व्यक्ति या संपत्ति को हुए नुकसान को कवर किया जाता है। डीलर आमतौर पर कॉम्प्रिहेंसिव इंश्योरेंस (Comprehensive Insurance) बेचते हैं, जिसमें आपकी अपनी कार को हुआ नुकसान भी कवर होता है।
• कितना लगता है? कॉम्प्रिहेंसिव इंश्योरेंस का प्रीमियम कार की एक्स-शोरूम कीमत का 3% से 5% तक हो सकता है। यदि आप महंगे डीलर से न लेकर बाहर से बीमा कराते हैं तो भी यह एक बड़ा खर्च होता है।
• ध्यान देने योग्य बात: नए नियमों के अनुसार, आपको 5 साल का थर्ड पार्टी बीमा और कम से कम 1 साल का ओन डैमेज बीमा अनिवार्य रूप से लेना होता है, जिससे शुरुआती प्रीमियम राशि काफी बढ़ जाती है।
3. टीसीएस (TCS - Tax Collected at Source)
यह एक ऐसा शुल्क है जिसे अक्सर लोग नज़रअंदाज़ कर देते हैं।
• क्या है यह? यदि आप ₹10 लाख से अधिक की कार खरीद रहे हैं, तो डीलर को बिक्री राशि पर 1% का टीसीएस (स्रोत पर कर संग्रह) लगाना अनिवार्य है।
• कितना लगता है? यदि कार की कीमत ₹15 लाख है, तो ₹15,000 अतिरिक्त टीसीएस लगेगा।
• लाभ: अच्छी बात यह है कि यह कर बाद में आपके आयकर रिटर्न (Income Tax Return - ITR) में समायोजित (Adjusted) हो जाता है, लेकिन भुगतान आपको तुरंत अपनी जेब से करना होगा।
II. डीलर-जनरेटेड और छुपे हुए खर्च (Dealer-Generated and Hidden Costs)
ये वे शुल्क हैं जो डीलरशिप द्वारा लगाए जाते हैं और जिन्हें लेकर मोलभाव (Negotiation) किया जा सकता है, लेकिन इन्हें अक्सर 'अनिवार्य' बताकर वसूला जाता है:
4. हैंडलिंग/लॉजिस्टिक्स शुल्क (Handling/Logistics Charges)
• क्या है यह? डीलरशिप दावा करती है कि यह शुल्क कार को फैक्ट्री से शोरूम तक लाने, सफाई करने और कागजी कार्रवाई के लिए लिया जाता है।
• सच्चाई: यह शुल्क अवैध है, क्योंकि इन खर्चों को एक्स-शोरूम कीमत में ही शामिल होना चाहिए।
• कितना लगता है? ₹5,000 से ₹15,000 तक।
• सलाह: पहली बार खरीदारों को इस शुल्क का भुगतान करने से सख्ती से इनकार करना चाहिए।
5. एक्सेसरी पैकेज (Accessory Package)
• क्या है यह? डीलर अक्सर कार के साथ अनिवार्य रूप से फ़्लोर मैट, मड फ्लैप, सीट कवर, बॉडी कवर, और परफ्यूम जैसे एक्सेसरीज़ का एक बंडल बेचते हैं।
• कितना लगता है? ₹10,000 से ₹30,000 तक।
• सलाह: यह पैकेज अनिवार्य नहीं है। आप केवल वही आइटम लें जो आपको चाहिए, या उन्हें सस्ते में बाजार से खरीदें।
6. एक्सटेंडेड वारंटी (Extended Warranty)
• क्या है यह? यह एक अतिरिक्त वारंटी है जो कंपनी की मानक वारंटी अवधि (Standard Warranty Period - आमतौर पर 3 साल) समाप्त होने के बाद कार के यांत्रिक पुर्जों (Mechanical Parts) को कवर करती है।
• कितना लगता है? ₹15,000 से ₹40,000 तक।
• आवश्यकता: यह सुरक्षा के लिए अच्छा है, लेकिन डीलर इसे अनिवार्य बताकर ऊंची कीमत पर बेचते हैं। इसे आप बाद में भी खरीद सकते हैं।
7. फास्टैग (FASTag)
• क्या है यह? टोल प्लाजा पर इलेक्ट्रॉनिक पेमेंट के लिए अनिवार्य टैग।
• कितना लगता है? ₹500 से ₹1000 तक। यह अब आमतौर पर डीलरशिप द्वारा ही दिया जाता है।
III. लोन से जुड़े अतिरिक्त वित्तीय बोझ (Financial Burden Related to Loans)
यदि आप कार खरीदने के लिए लोन लेते हैं, तो अतिरिक्त वित्तीय बोझ पड़ते हैं:
8. प्रोसेसिंग शुल्क (Loan Processing Fees)
• क्या है यह? यह वह शुल्क है जो बैंक या वित्तीय संस्थान लोन आवेदन को संसाधित
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