देह खेह हो जाएगी | Kabir Bhajan | शरीर नश्वर है| Kabir Das Ke DoheBhaj
Автор: kabir Das Bhajan
Загружено: 2025-12-19
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देह खेह हो जाएगी, शरीर नश्वर है।
संत कबीर का यह भजन हमें जीवन की अस्थिरता और आत्मा की शाश्वतता का बोध कराता है। कबीरदास जी बार‑बार हमें याद दिलाते हैं कि यह शरीर मिट्टी में मिल जाने वाला है, लेकिन आत्मा अमर है। इसलिए मोह‑माया, अहंकार और सांसारिक लालसाओं में उलझने के बजाय हमें ईश्वर भक्ति और सत्य मार्ग अपनाना चाहिए।
🌸 भजन का सार
शरीर नश्वर है: यह देह क्षणभंगुर है, समय के साथ इसका अंत निश्चित है।
आत्मा शाश्वत है: आत्मा कभी नष्ट नहीं होती, यह ईश्वर का अंश है।
मोह‑माया से मुक्ति: कबीर हमें सांसारिक बंधनों से मुक्त होकर भक्ति में लगने की प्रेरणा देते हैं।
सत्य मार्ग: जीवन का वास्तविक उद्देश्य ईश्वर से जुड़ना और आत्मा को शुद्ध करना है।
🌿 संत कबीर का अमर संदेश
कबीरदास जी के दोहे और भजन हमें यह सिखाते हैं कि जीवन क्षणभंगुर है। शरीर का अंत निश्चित है, लेकिन आत्मा की साधना ही हमें मोक्ष की ओर ले जाती है।
कर्म और भक्ति का महत्व
आलस्य और अहंकार से दूरी
साधना और ध्यान की प्राथमिकता
जीवन को सार्थक बनाने का मार्ग
🎶 इस वीडियो में
कबीरदास जी का भजन “देह खेह हो जाएगी”
शरीर की नश्वरता और आत्मा की शाश्वतता का संदेश
कबीर के दोहे और भजन का गहन अर्थ
जीवन को सार्थक बनाने की प्रेरणा
🌸 आधुनिक संदर्भ
आज की दुनिया में हम अक्सर शरीर, धन और भौतिक सुखों को ही सब कुछ मान लेते हैं। लेकिन कबीर हमें याद दिलाते हैं कि यह सब अस्थायी है। शरीर नश्वर है, धन और पद भी नश्वर हैं। केवल आत्मा और भक्ति ही शाश्वत हैं
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