O44. हरिणी जैसी आत्मा मेरी Harini jaisi aatma meri
Автор: भक्ति भजन Bhakti Bhajan
Загружено: 2025-04-15
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पास्का: O44
री. हरिणी जैसी आत्मा मेरी
तेरे दर्शन हेतु तरसती, हर्ष मनावें ।
१. मेरी आत्मा ईश्वर की, जीवन्त ईश्वर की प्यासी है ।
मैं कब जाकर, ईश्वर के दर्शन करूँगा ।
२. मैं तीर्थ यात्रियों के साथ साथ
आनन्द और स्तुति के गीत गाते हुए ।
अपने ईश्वर के भव्य निवास,
उसके पास मन्दिर तक जाऊँगा ।
३. मैं ईश्वर की वेदी के पास जाऊँगा,
ईश्वर के पास जो मेरा आनन्द है ।
मैं वीणा बजाकर, अपने प्रभु
ईश्वर की स्तुति करूँगा ।
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