ठेकुआ की ठेकेदारी, कूल ब्रोज़ के पचड़े और गमछे के सदुपयोग : Teen Taal, Ep 57 | Podcast
Автор: Aaj Tak Radio
Загружено: 2021-11-16
Просмотров: 8231
तीन ताल के 57वें एपिसोड में कमलेश 'ताऊ', पाणिनि ‘बाबा’ और कुलदीप ‘सरदार' से सुनिए:
-बाबा को फोम से याद आये हरिओम. दिल की आग और यमुना की झाग पर बतरस. साथ ही, सत्तावन का शब्द और मर्म विन्यास.
-छठ और ठेकुआ से बाबा और ताऊ के साक्षात्कार
और इस पर्व के कुछ मार्मिक दृश्यों पर बात.
-छठ में बाजार कहाँ और कब घुस गया? ताऊ ने क्यों छठ को सेक्युलर पर्व कहा.
-1996 के बाद पैदा हुए बच्चों की नवईयत. क्यों बाबा ने उनकी भाषा को आईबी और एनआईए के सामने एक चुनौती बताया. इनके खान-पान, वस्त्रों के चुनाव में दिक्कत क्या.
-आभाषी दुनिया में जी रही पीढ़ी अगर संवेदना लाना चाहे भी तो दिक्कत क्या होगी और जब बाबरी मस्ज़िद गिरी तो बाबा क्या कर रहे थे?
-पहले और अब के इन्फॉर्मेशन में अंतर. एक्सेस और लर्निंग का फ़र्क़. ताऊ ने क्यों सांप्रदायिकता को पहले से कम बताया.
-बुलेट के आकार, प्रकार और व्यवहार पर बात. बाबा ने क्यों कहा कि 'बुलेट की आवाज़ कान में नहीं दिल में महसूस होती थी'. बदलते वक़्त के साथ बुलेट में आये कुछ बदलाव.
-बिज़ार ख़बर में नहाने के बाद तौलिया न मिलने पर गुस्साए पति के बहाने तौलिये और गमछी के विविध संस्मरण. शहरों और गाँवों में तौलिये का अजब-गजब इस्तेमाल. कब और कैसे माँगा जा सकता है किसी से तौलिया और क्यों तौलिया एक राष्ट्रीय समस्या.
-और आख़िर में तीन तालियों की कुछ प्रतिक्रियाओं के बहाने चूरा, लाई और साई-फाई फिल्मों पर सुझाव.
प्रड्यूसर ~ शुभम तिवारी
साउंड मिक्सिंग ~ अमृत रेगी
#TeenTaal #AajtakRadio #HindiPodcast
___________________________________________________________
Click Here For Latest Podcasts► https://aajtak.intoday.in/podcast.html
Like Us On Facebook ► https: / aajtakradio
Follow Us on Twitter ►https: / aajtakradio
Instagram ► / aajtakradio
Доступные форматы для скачивания:
Скачать видео mp4
-
Информация по загрузке: