पंचमुखी हनुमान कवच | अत्यंत शक्तिशाली रक्षा मंत्र | इसे सुनने मात्र से हर संकट दूर होगा 🙏
Автор: Dharm Rakshak Official l धर्म रक्षक ऑफिसियल
Загружено: 2025-11-07
Просмотров: 298
🙏 जय बजरंगबली! 🙏
Dharm Rakshak Official प्रस्तुत करता है पंचमुखी हनुमान रक्षा कवच। यह एक अत्यंत शक्तिशाली और दिव्य मंत्र है जो आपको सभी प्रकार की नकारात्मक ऊर्जा, भय, संकटों और बुरी शक्तियों से बचाता है।
जो भी भक्त पूरी श्रद्धा और विश्वास के साथ इस कवच का श्रवण करता है, उसके जीवन में साहस, शक्ति और हनुमान जी की दिव्य सुरक्षा सदैव बनी रहती है।
🔱 प्रतिदिन सुबह या रात को सोने से पहले इस कवच को अवश्य सुनें।
🔔 ॐ श्री पंचमुखि हनुमताय नमः का जाप करते हुए इस कवच का पाठ सुनने से आपके घर और जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।
📿 मंत्र के लाभ (Mantra Benefits):
बुरी शक्तियों, भय और बाधाओं से सुरक्षा।
आत्मविश्वास और मानसिक शांति में वृद्धि।
श्री हनुमान जी की असीम कृपा और शक्ति की प्राप्ति।
🌺 Chant Daily For:
🔹 Protection from evil & negative energy
🔹 Mental peace & confidence
🔹 Positive vibrations & divine strength
📌 Video Details:
Video: Panchmukhi Hanuman Kavach | Raksha Mantra | Hanuman Bhakti Song
Channel: Dharm Rakshak Official
🎧 बेहतर अनुभव के लिए हेडफ़ोन का उपयोग करें।
🔔 Dharm Rakshak Official को सब्सक्राइब करें और अधिक दिव्य मंत्रों और भजनों के लिए जुड़े रहें। 🙏
#HanumanKavach #PanchmukhiHanuman #RakshaMantra #Bajrangbali #Hanuman #HanumanBhajan #Bhakti #SpiritualVideo #ViralBhajan #HanumanRakshaKavach #BhaktiSongs #HinduDevotion #DharmRakshakOfficial
-- मंत्र / Mantra --
ॐ श्री हनुमते नमः।
ॐ पञ्चमुखि हनुमते नमः॥
पञ्चवक्त्रं महाभीमं त्रिनेत्रं च महाबलम्।
सिंहिकागर्भसंभूतं हनुमन्तं नमाम्यहम्॥
ॐ हं हनुमते रक्ष रक्ष सर्वतो माम्।
ॐ हं हनुमते रक्ष रक्ष सर्वतो माम्।
पूर्वे हनुमान् कपिमुखधारी रक्षतु माम्।
दक्षिणे नारसिंहवपुर्मां सदा पातु।
पश्चिमे गरुडरूपवान् रक्षतु।
उत्तरदिशि वराहरूपः सदा रक्षतु माम्।
ऊर्ध्वे हयग्रीवविग्रहः पातु मे शिरः।
अधस्तात् ब्रह्मास्त्ररूपः पातु पादयुग्मं सदा मम॥
अष्टदिशि रक्षतु पञ्चवक्त्रः -
स्वप्ने जाग्रति गच्छतः पश्यतः शयानं,
पश्यन्तं हसन्तं चलन्तं सर्वदा रक्षतु हनुमान् महाबलः॥
ॐ अञ्जनीसुताय महाबलाय रामदूताय नमः।
ॐ किलकिलाय वीराय विक्रान्ताय नमो नमः।
ॐ भूतप्रेतपिशाचादिनाशाय स्वाहा।
ॐ असिधाराकृशानुवत् कवचं मे हनुमान् स्थापयतु॥
रामभक्ताय रामदूताय हनुमते नमः।
सर्वशत्रुनिवारणाय कवचं पठेत्।
रक्षां कुरु महाबाहो त्राहि त्राहि नमोऽस्तुते॥
ॐ हं हनुमते नमः। ॐ हं हनुमते नमः।
ॐ ऊँ अञ्जनीगर्भसंभूतमारुतात्मजमुत्तमम्।
श्रीरामप्रियं भक्तं वन्दे लङ्काभयङ्करम्॥१॥
पञ्चमुखं धरं देवं हनुमन्तं नमाम्यहम्।
पूर्वं तु वानरं वक्त्रं कोटिसूर्यसमप्रभम्॥२॥
दक्षिणे नारसिंहं च भयनाशं सदा स्मरेत्।
पश्चिमे गरुडं वक्त्रं वक्रतुण्डं महाबलम्॥३॥
उत्तरं तु वराहं च कामरूपं महाबलम्।
ऊर्ध्वं हयग्रीवमुखं शङ्खचक्रगदाधरम्॥४॥
एवं पञ्चमुखं रूपं हनूमन्तं महाबलम्।
यो स्मरेत् प्रातरुत्थाय सर्वशत्रुभयं हरेत्॥५॥
नासयेत् दु:स्वप्नमशुभं दुष्टग्रहसमुद्भवम्।
अभिचाराणि सर्वाणि मन्त्रतन्त्राणि भूतले॥६॥
सापराद्धं न मुञ्चेत्तु पञ्चवक्त्रं हनूमतम्।
यं यं चिन्तयते कामं तं तं प्राप्नोत्यसंशयम्॥७॥
॥ श्रीराम जय राम जय जय राम ॥
॥ श्रीराम जय राम जय जय राम ॥
ॐ हं हनुमते रुद्रावताराय नमः॥
ॐ पञ्चमुखि हनुमते नमः॥
ॐ रक्ष रक्ष हनुमते नमः॥
ॐ हं हनुमते रुद्रावताराय नमः॥
ॐ पञ्चमुखि हनुमते नमः॥
ॐ रक्ष रक्ष हनुमते नमः॥
॥ जय श्रीराम ॥ जय बजरंगबली ॥
Copyright Disclaimer: Under section 107 of the Copyright Act 1976, allowance is made for FAIR USE for purposes such as criticism, comment, news reporting, teaching, scholarship, and research. Fair use is a use permitted by copyright statutes that might otherwise be infringing. Non-Profit, educational, or personal use tips the balance in favor of FAIR USE.
Доступные форматы для скачивания:
Скачать видео mp4
-
Информация по загрузке: