सुरसा द्वारा ली गई परीक्षा में हनुमान उत्तीर्ण हुए
Автор: Tilak
Загружено: 2025-10-07
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श्री राम के आदेश पर सीता माता की खोज के लिए आकाश मार्ग से लंका जा रहे हनुमान को सुरसा नामक एक राक्षसी रोक लेती है और कहती है कि वह उसे खाकर तृप्त होना चाहती है। हनुमान उससे कहते है कि वह उसका आहार नहीं है, क्योंकि वह अपने प्रभु श्रीराम के कार्य से जा रहे है। सुरसा कहती है कि वह भूखी है और जो भूखा हो उसका अधिकार सर्वप्रथम होता है और यही धर्म भी है। अगर तुमने मेरी भूख नहीं मिटाई तो वह धर्म विरुद्ध होगा। चाहो तो तुम किसी और जीव को मेरा आहार बना सकते हो। हनुमान कहते है कि अपनी जान बचाने के लिए किसी और के प्राण लेना पाप है, इसलिए मैं ही आपका आहार बन जाता हूँ। लेकिन श्री राम का कार्य करना मेरा प्रथम धर्म है, उनका कार्य सम्पन्न होते ही मैं आपका आहार बन जाऊंगा, वचन देता हूँ। सुरसा कहती है कि उसे ब्रह्मा जी का वरदान है कि जिस मार्ग में वह खड़ी होती है, उसे लाँघ कर कोई नहीं जा सकता है। हनुमान सुरसा से मुँह खोलने के लिए कहते है। सुरसा अपना मुँह खोलती है, तो हनुमान अपना शरीर बड़ा करने लगते है। सुरसा भी अपना मुँह बड़ा करने लगती है। तभी हनुमान अपना शरीर छोटा करके उसके मुँह के अंदर से होकर बाहर निकल आते है। यह देख सुरसा अपने वास्तविक रूप में आकर अपना परिचय देते हुए कहती है कि वह वास्तव में नाग माता है, जो देवताओं के अनुरोध पर उसके पराक्रम और विवेक की परीक्षा लेने आई थी और तुम उस परीक्षा में उत्तीर्ण हुए। साथ ही सुरसा हनुमान को आशीर्वाद देते हुए कहती है उसके द्वारा श्रीराम के सारे कार्य सिद्ध होंगे।
"""वेद-पुराणों और धार्मिक ग्रंथों के अनुसार परम ईश्वर श्री हरि ने समय-समय पर धर्म की हानि को रोकने और अधर्म के विनाश करने के लिए मानव रूप में अवतार लिया और मानव कल्याण के लिए धर्म की पुनःस्थापना की तथा साथ-साथ अपने भक्तों का उद्धार भी किया। क्योंकि अवतार लेने का उद्देश्य केवल अधर्मियों का विनाश करना ही नहीं होता था बल्कि जनमानस में ईश्वर के प्रति भक्ति और उनके विश्वास को दृढ़ करना भी था। भगवान श्री राम ने जब त्रेतायुग में अवतार लिया, तब उन्होंने केवल रावण का वध ही नहीं किया बल्कि इस अवतार के माध्यम से अपने अनेकों भक्तों का उद्धार भी किया। आपका प्रिय धार्मिक चैनल तिलक अपनी इस शृंखला में भगवान श्री राम के द्वारा किए अपने भक्तों के उद्धार की कथाओं को प्रस्तुत कर रहा है। भक्ति भाव से इनका आनन्द लीजिए और तिलक से जुड़े रहिए। #tilak #ramayan #katha #uddharkatha #ramayanuddharkatha #tilak #ramayan #katha #uddharkatha #ramayanuddharkathaवेद-पुराणों और धार्मिक ग्रंथों के अनुसार परम ईश्वर श्री हरि ने समय-समय पर धर्म की हानि को रोकने और अधर्म के विनाश करने के लिए मानव रूप में अवतार लिया और मानव कल्याण के लिए धर्म की पुनःस्थापना की तथा साथ-साथ अपने भक्तों का उद्धार भी किया। क्योंकि अवतार लेने का उद्देश्य केवल अधर्मियों का विनाश करना ही नहीं होता था बल्कि जनमानस में ईश्वर के प्रति भक्ति और उनके विश्वास को दृढ़ करना भी था। भगवान श्री राम ने जब त्रेतायुग में अवतार लिया, तब उन्होंने केवल रावण का वध ही नहीं किया बल्कि इस अवतार के माध्यम से अपने अनेकों भक्तों का उद्धार भी किया। आपका प्रिय धार्मिक चैनल तिलक अपनी इस शृंखला में भगवान श्री राम के द्वारा किए अपने भक्तों के उद्धार की कथाओं को प्रस्तुत कर रहा है। भक्ति भाव से इनका आनन्द लीजिए और तिलक से जुड़े रहिए। #tilak #ramayan #katha #uddharkatha #ramayanuddharkatha #tilak #ramayan #katha #uddharkatha #ramayanuddharkatha
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