कुरिन्थियों के नाम सन्त पौलुस का पहला पत्र || Chapter 8 || 1 Corinthians Audio Bible with the Text
Автор: Greater Glory of God
Загружено: 2025-11-19
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1 कुरिन्थियों अध्याय 8 में संत पौलुस एक अत्यंत महत्वपूर्ण और व्यावहारिक विषय पर शिक्षा देते हैं—
ईसाई स्वतंत्रता, कमज़ोर विश्वासियों का ध्यान, और प्रेम की प्राथमिकता।
इस अध्याय में पौलुस बताते हैं कि—
✔ केवल ज्ञान होने से व्यक्ति घमण्डी हो सकता है
✔ सच्चा मसीही जीवन “ज्ञान” नहीं बल्कि “प्रेम” पर आधारित है
✔ ईसाई स्वतंत्रता दूसरों को ठोकर खिलाने का कारण नहीं बननी चाहिए
✔ जो आचरण हमें उचित लगता है, वह किसी कमजोर को आध्यात्मिक रूप से गिरा सकता है
✔ यदि मेरा कोई कार्य मेरे भाई को पाप की ओर ले जाए, तो मैं उस कार्य से दूर रहूँ
पौलुस का गहरा संदेश है:
मसीही जीवन में वास्तविक मापदण्ड "क्या मुझे अच्छा लगता है" नहीं, बल्कि "क्या यह मेरे भाई को लाभ देता है" होना चाहिए।
✨ इस वीडियो में आपको मिलेगा:
🔹 1 कुरिन्थियों 8 का सरल हिंदी सार
🔹 संत पौलुस की शिक्षा: ज्ञान vs प्रेम
🔹 ईसाई स्वतंत्रता का सच्चा अर्थ
🔹 CCC आधारित चिंतन —
• ईसाई स्वतंत्रता (CCC 1730–1748)
• अंतरात्मा का विषय (CCC 1776–1802)
• प्रेम और दया का नियम (CCC 1822–1829)
🔹 आज के समय में इस अध्याय का गहरा प्रयोग
🔹 मनन और जीवन-परिवर्तन के प्रश्न
🔹 दिल को छू लेने वाली प्रार्थना
✝️ मुख्य पद (Key Verse)
“ज्ञान घमण्ड उत्पन्न करता है, परन्तु प्रेम निर्माण करता है।”
(1 कुरिन्थियों 8:1)
🙏 इस अध्याय का मुख्य संदेश:
ईसाई स्वतंत्रता को प्रेम के नियम से संचालित होना चाहिए।
यदि मेरा व्यवहार किसी को ठोकर दिलाता है, तो मसीह के प्रेम में मैं उससे दूर रहूँ।
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