शादी माने क्या? प्रेम विवाह बेहतर है? || आचार्य प्रशांत, बातचीत (2023)
Автор: आचार्य प्रशान्त - Acharya Prashant
Загружено: 2024-01-04
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वीडियो जानकारी: 10.08.23, बातचीत, गोवा
शादी माने क्या? प्रेम विवाह बेहतर है? || आचार्य प्रशांत, बातचीत (2023)
📋 Video Chapters:
0:00 - Intro
2:00 - भारत में विवाह की परिभाषा
11:01 - शारीरिक संबंध और प्रेम
18:13 - अरेंज मैरिज (Arranged Marriage) और लव मैरिज(Love Marriage) की प्रक्रिया
29:19 - विवाह के लिए परिवार का दखल
36:26 - भारत में दहेज हत्या की दर्दनाक स्थिति
44:05 - भारत में जाति प्रथा का प्रचलन
51:43 - भारत में तलाक क्यों नहीं मिलता?
56:25 - भारतीय विवाह Institution(भारतीय की stupidity)
1:02:25 - निकट के लोगों से आकर्षण और मजबूरी
1:7:13 - समापन
विवरण:
इस वीडियो में, आचार्य जी ने भारतीय विवाह प्रणाली, विशेषकर अरेंज्ड मैरिज और लव मैरिज के संदर्भ में गहन चर्चा कर रहे हैं। वे बताते हैं कि कैसे अरेंज्ड मैरिज में परिवार के लोग विवाह का निर्णय लेते हैं, जबकि व्यक्तिगत पसंद और प्रेम की कोई भूमिका नहीं होती। आचार्य जी यह भी बताते हैं कि विवाह के केंद्र में अक्सर शारीरिक संबंध (सेक्स) होता है, और यह एक सामाजिक अनिवार्यता बन गई है, जबकि वास्तविक प्रेम और समझ का अभाव होता है।
आचार्य जी ने यह भी बताया कि भारतीय समाज में विवाह के बाद महिलाओं की स्थिति और उनके अधिकारों को अक्सर नजरअंदाज किया जाता है। वे यह स्पष्ट करते हैं कि विवाह एक सामाजिक संस्था है, लेकिन यह जरूरी नहीं है कि यह व्यक्तिगत खुशी और संतोष का स्रोत हो। इसके अलावा, उन्होंने यह भी बताया कि भारतीय समाज में तलाक लेना एक स्टिग्मा है, जिससे लोग अक्सर अलग रहने को प्राथमिकता देते हैं।
आचार्य जी ने यह भी कहा कि विवाह के नाम पर जो सामाजिक दबाव होता है, वह अक्सर लोगों को मानसिक तनाव और अवसाद की ओर ले जाता है। अंत में, उन्होंने यह सुझाव दिया कि हमें अपने रिश्तों को समझदारी और विवेक के आधार पर बनाना चाहिए, न कि सामाजिक दबाव के तहत।
प्रसंग:
~ विवाह क्या है?
~ आयोजित विवाह (arranged marriage) क्या है?
~ प्रेम विवाह क्या है?
~ भारतीय दुनिया में सबसे दु:खी लोगों में क्यों है?
~ हमारी वास्तविक ज़रूरत क्या है?
~ उचित चुनाव कैसे करें?
~ शादी के लिए लड़की लड़के का चुनाव करते समय घरवालें क्या देखते हैं?
संगीत: मिलिंद दाते
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