रेलवे!ST कर्मचारियों को अलग संगठन की मांग को मिला! सांसद,केंद्रीय मंत्री का समर्थन!संघर्ष समिति को!
Автор: SR NEWS24 LIVE
Загружено: 2025-12-22
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रेलवे ST कर्मचारियों को अलग संगठन की मांग को मिला सांसद और केंद्रीय मंत्री का समर्थन,
रेलवे SC, ST एसोसिएशन से ST रेल कर्मचारी अलग होने का मामला ,
इसके लिए रेलवे की ST एसोसिएशन, संघर्ष समिति कर रही है,संघर्ष,
SC, ST एसोसिएशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं महामंत्री परेशानी में,
25 सालों से आपस में फूट डाल SC, ST रेल कर्मचारीयो पर कर रहे,राज ,
हमारे चेनल के नई दिल्ली संवाददाता अर्जुन कुमार को ऑल इंडिया अनुसूचित जनजाति रेलवे एम्प्लाइज एसोसिएशन, संघर्ष समिति के राष्ट्रीय अध्यक्ष राकेश कुमार जेफ ने बताने के उपरांत, अपनी रिपोर्टिंग में विश्लेषण के बाद बताया कि,
नई दिल्ली से बड़ी और अहम खबर सामने आ रही है,,
भारतीय रेलवे में कार्यरत अनुसूचित जनजाति (ST) कर्मचारियों के लिए अलग और स्वतंत्र संगठन को मान्यता देने की मांग अब राजनीतिक और प्रशासनिक स्तर पर मजबूती से उठने लगी है,
बांसवाड़ा लोकसभा क्षेत्र से सांसद राजकुमार रोत ने रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव को एक आधिकारिक पत्र लिखकर यह मांग की है कि,
रेलवे में कार्यरत ST कर्मचारियों के लिए एक पृथक, स्वतंत्र और समर्पित संगठन को मान्यता दी जाए,
सांसद राजकुमार रोत ने अपने पत्र में स्पष्ट किया है कि वर्तमान में मान्यता प्राप्त AISC/STREA (All India SC & ST Railway Employees Association) संगठन में—
ST कर्मचारियों का प्रभावी प्रतिनिधित्व नहीं हो पा रहा
उनकी विशेष सामाजिक, सांस्कृतिक और प्रशासनिक समस्याओं को नजरअंदाज किया जा रहा है,
नीतिगत निर्णयों में ST कर्मचारियों की आवाज कमजोर पड़ रही है,
सांसद राजकुमार रोत का तर्क
पत्र में सांसद ने यह भी कहा कि
ST समुदाय की अलग पहचान, संस्कृति और आवश्यकताएँ हैं,
इसी कारण देश में जनजातीय कार्य मंत्रालय और राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग का गठन किया गया,संविधान के अनुच्छेद 15(4), 16(4), 46, 244 और 275(1) भी जनजातीय समाज को विशेष संरक्षण देते हैं,
ऐसे में रेलवे जैसे बड़े विभाग में ST कर्मचारियों के लिए अलग संगठन होना संवैधानिक भावना के अनुरूप है,
दूसरा बड़ा समर्थन – केंद्रीय जनजातीय कार्य मंत्री का पत्र
इस मांग को और मजबूती मिली जब, केंद्रीय जनजातीय कार्य मंत्री जुएल ओराम ने भी इस विषय पर रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव को पत्र लिखा,
केंद्रीय मंत्री जुएल ओराम ने अपने पत्र में कहा
उन्हें, AISTREWA (All India ST Railway Employees Welfare Association) की ओर से प्रतिनिधित्व मिला है,
रेलवे बोर्ड पहले इस मांग को यह कहकर खारिज कर चुका था कि NFIR और AIRF जैसी दो मान्यता प्राप्त फेडरेशन पहले से मौजूद हैं,
लेकिन…
ST कर्मचारियों के लिए अलग संगठन बनने से
ST-विशिष्ट समस्याओं का समाधान बेहतर होगा
नीतिगत चर्चाओं में उनकी भागीदारी बढ़ेगी,
प्रशासनिक निर्णयों में ST कर्मचारियों की सीधी भूमिका सुनिश्चित होगी,
विशेषज्ञों और रेल ST कर्मचारियों का मानना है कि—
SC और ST की समस्याएं एक जैसी नहीं होतीं,
संयुक्त संगठन में ST मुद्दे अक्सर हाशिये पर चले जाते हैं,
प्रमोशन, पोस्टिंग, आरक्षण, ट्रांसफर और सामाजिक भेदभाव जैसे मुद्दों पर फोकस्ड लड़ाई जरूरी है,
अब, जब
एक सांसद,
केंद्रीय जनजातीय कार्य मंत्री,
और रेल ST एसोसिएशन कर्मचारी, संघर्ष समिति
तीनों की ओर से एक स्वर में मांग उठ चुकी है,
तो सवाल यह है,
क्या, रेल मंत्रालय ST रेल कर्मचारियों के लिए अलग संगठन को मान्यता देगा?,
क्या ,रेलवे बोर्ड अपने पुराने फैसले पर पुनर्विचार करेगा,
हमारा चैनल SR NEWS 24 LIVE निष्कर्ष के अनुसार,
रेलवे ST कर्मचारियों की यह मांग ,अब सिर्फ संगठनात्मक नहीं, बल्कि,
संवैधानिक अधिकार,
सामाजिक न्याय,
समान प्रतिनिधित्व,
से जुड़ा मुद्दा बन चुकी है,
अब निगाहें रेल मंत्री और रेलवे बोर्ड के अगले फैसले पर टिकी हैं, #latestnews #railwayupdate #srnews24live #indianrailways #railwaycorruption #srnews24 #railwayemployees #breakingnews #railwaynews #india,#दिल्ली
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