चूरू का चमत्कारी अमरापुरा धाम।। CHURU KA CHAMTKARI AMRAPUR DHAM
Автор: PANCHAYAT VLOGS
Загружено: 2023-06-27
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दोस्तों नमस्कार!
दोस्तों आज मैं आपको एक ऐसे स्थान पर ले चलता हूं, जहां की महिमा अपरंपार है। अद्वितीय शांति का स्थान, जहां लोगों को शांति का आभास होता है। बिना एक पैसा खर्च किए बड़े-बड़े रोगों का इलाज वहां पर होता है। इस प्रकार के स्थान का नीचे विस्तार से वर्णन किया जा रहा है।चूरू (Churu) जिले के राजगढ़ (Rajgarh) तहसील में अमरपुरा के अमरपुरा धाम (Amarpura Dham) में अंकिता से बात करते हुए संत पुरुषों ने कहा कि भूत और भविष्य की चिंता छोड़कर वर्तमान का संकल्प लो। माता-पिता को गुरु मान उन्हीं की सेवा करो। आपको किसी चीज की कमी नहीं रहेगी। यहां पर जो मंदिर बना हुआ है वह पाबू जी, हनुमान जी और भगवती माता का धाम है।
महंत सुरेंद्र सिंह जी राठौड़ ने बताया कि लोग यहां पर विविसंस्कार और संस्कृति।
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यज्ञ से निकलने वाले मंत्रोचार और ऊर्जा से जड़ चेतन जीव को सुख व शांति की प्राप्ति होती है। इसके पश्चात आरती होती है जिसमें सभी भक्तों के विचार सकारात्मकता में बदल जाते हैं। अपने पूर्वजों की गद्दी को संभाले सुरेंद्र सिंह जी ने बताया कि मैं यहां पर कुछ भी करने वाला नहीं हूं।मैं तो यही कहता हूं कि नशा मुक्ति और अपने माता-पिता की सेवा करो,उसी को मंदिर समझो। अन्य कहीं भी भटकने की जरूरत नहीं है। आपको सुख की प्राप्ति होगी। उन्होंने बताया कि मेरा मूल उद्देश्य यही है, कि अपने माता पिता के संस्कार को जिंदा रखो। उसीसे संस्कृति जिंदी रहेगी और संस्कृति जिंदी रहेगी तो कोई भी रोग दोष आपके निकट नहीं आएगा।
उन्होंने बताया कि भूत प्रेत की चिंता छोड़ो। वर्तमान का संकल्प लो। यहां पर चारों तरफ यही लिखा हुआ है कि कोई भी व्यक्ति यहां पर डोरा, झाड़ा वगैरह नहीं देता है। अपनी संकल्प शक्ति और आस्था ही आपके उपचार का मुख्य उपाय हैध प्रकार की समस्याएं लेकर आते हैं। और किसी से भी एक पैसा भी चार्ज नहीं किया जाता है। टोना-टोटका, भूत-प्रेत,अंध विश्वास आदि कई अन्य प्रकार की बीमारियों का यहां पर संतोषप्रद इलाज किया जाता है। उन्होंने बताया कि यहां पर ईश्वर में पूर्ण आस्था रखने वाले, ईश्वर की भक्ति करने वाले व्यक्ति आते हैं। यहां पर यज्ञ किया जाता है। यज्ञ एक सनातन धर्म की ऐसी परंपरा है, जिसमें किसी भी प्रकार के कष्ट का निवारण होता हैउन्होंने बताया कि यहां एकम से नवमी तक नवरात्रों में मेला लगता है। भादवा में एकम से लेकर नवमी तक राम जी की कथा होती है। इन अवसरों पर हजारों की संख्या में श्रद्धालु इकट्ठे होते हैं और यज्ञ तथा आरती का लाभ प्राप्त करते हैं। पूर्णिमा को हनुमान चालीसा का पाठ होता है। यहां पर एक वर्ष में पांच बार मेले लगते हैं। भादवा में पाबूजी का जन्म दिन होने की वजह से मेला भरता है।
एक व्यक्ति ने बताया कि मैं यहां पर बहुत ही तंग हाल में 18 वर्ष पहले आया था। उस वक्त हमारे घर की हालत बहुत ही दयनीय थी। मेरे पिताजी ने उसके बाद में शराब छोड़ी। हम भाइयों की नौकरी लग गई। यहां पर पर्यावरण और जीवजंतु के बारेमें सकारात्मक बातें बताई जाती हैं। इसलिए यहां जो भी व्यक्ति आता है, उसको लाभ ही होता है। नुकसान का कहीं भी नामोनिशान नहीं है।
video editing by manoj kumar
video location-amrapur dham
video voice by jp
video director by jp
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