EP-5 दिव्य काशी यात्रा काशी विश्वनाथ मन्दिर में दर्शन काशी विश्वनाथ कॉरिडोर 14 Nov 25
Автор: Travel Guru Rajeev
Загружено: 2025-12-03
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EP-5 दिव्य काशी यात्रा काशी विश्वनाथ मन्दिर में दर्शन काशी विश्वनाथ कॉरिडोर 14 Nov 25 #kashiyatra #banarastourism #kashivishwanathtemple #varanasi #kashivishwanathcorridor
काशी (वाराणसी) बाबा विश्वनाथ की नगरी के नाम से प्रसिद्ध भारत का एक आध्यात्मिक शहर है, यहाँ देश के कोने-कोने से तथा विदेशों से श्रद्धालु अपनी मनोकामना पूर्ति हेतु भगवान का दर्शन करने हर साल आते हैं। जैसे-जैसे काशी की ख्याति बढ़ती गयी यहां भक्तों की भीड़ में भी इजाफा होने लगा, गंगा नदी में स्नान करके गंगाजल को मंदिर में लेकर जाने में भक्तों को काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता था। पी एम मोदी ने श्रद्धालुओं को इस समस्या से निजात दिलाने के लिए गंगा तथा मंदिर को एक सुगम मार्ग के माध्यम से जोड़ने के लिए 8 मार्च 2019 को एक परियोजना की आधारशिला रखी, जिसके अन्तर्गत हुए निर्माण कार्यों को काशी विश्वनाथ गलियारे के नाम से संबोधित किया गया। इस गलियारे का उद्घाटन पी एम मोदी द्वारा 13 दिसम्बर 2021 को किया गया।
1) इस पूरे कॉरिडोर को 3 भागों में बांटा गया है तथा इसमें 4 बड़े-बड़े गेट एवं प्रदक्षिणा पथ पर संगमरमर के 22 शिलालेखों का निर्माण किया गया है जिनमें काशी की महिमा का वर्णन है।
2) इन सब के अतिरिक्त इसमें मंदिर चौक, यात्री सुविधा केन्द्र, शॉपिंग कॉम्प्लेक्स, मुमुक्षु भवन, मल्टीपरपस हॉल, सिटी म्यूजियम तथा वाराणसी गैलेरी जैसी अन्य सुविधाओं की भी व्यवस्था की गई है।
3) इसमें मकराना के सफेद मार्बल, वियतनाम के कुछ खास पत्थर तथा चुनार के गुलाबी पत्थर का उपयोग किया गया है।
4) काशी धाम में भगवान भोलेनाथ को अतिप्रिय रुद्राक्ष, बेल, पारिजात, वट तथा अशोक आदि के वृक्ष लगाए गए है।
5) इस परियोजना को साकार मूर्त देने के लिए काशी मंदिर के आस-पास करीब 300 से अधिक संपत्तियों की खरीद एवं अधिग्रहण किया गया है।
6) इस परियोजना के दौरान लगभग 40 प्राचीन मंदिरों का जीर्णोद्धार करके उन्हें कॉरिडोर में शामिल कर लिया गया।
7) इस परियोजना में मंदिरों की मूल संरचना के साथ कोई छेड़छाड़ नहीं किया गया है, बस इनकी सजावट तथा यात्रियों के सुविधाओं के लिए ज्यादा काम किया गया है।
8) इसमें भारत माता, आदि गुरु शंकराचार्य के साथ-साथ अहिल्याबाई होल्कर की भी प्रतिमा की स्थापना हुई है।
9) मंदिर चौक इतना विशाल है कि इसमें एक साथ 50000 श्रद्धालु रह सकते हैं, श्रद्धालुओं के लिए तीन विश्रामालय, वैदिक केन्द्र तथा स्पिरिचुअल बुक स्टोर की भी व्यवस्था की गई है।
10) कॉरिडोर ललिता घाट को विश्वनाथ मंदिर को जोड़ता है व घाट से मंदिर तक जाने के लिए स्वचालित सीढ़ियां लगाई गई हैं।
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/ @travelgururajeev
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