सुदामा ने श्री कृष्ण से ली विदा और वृंदपुरी बना सुदामा नगर | श्री कृष्ण महिमा
Автор: Shree Krishna
Загружено: 2025-01-20
Просмотров: 7885861
"वसुंधरा सुदामा के इंतज़ार में मंदिर में बैठ कर समय बिताती है। सुदामा श्री कृष्ण से विदा लेता है और वहाँ से चल पड़ता है। सुदामा पैदल ही अपने घर की और चल पड़ता है। श्री कृष्ण दोबारा मुरली मनोहर के रूप में सुदामा को अपने साथ लेकर उसके घर छोड़ने के लिए आ जाते हैं। मुरली मनोहर सुदामा से पूछता है की श्री कृष्ण तुम्हारे मित्र हैं तो तुम्हें उन्होंने धन उपहार में नहीं दिया। सुदामा मुरली मनोहर को बताते हैं की श्री कृष्ण मेरे मित्र हैं उन्होंने मुझे धन ना देकर मुझे मोह माया से दूर किया है ताकि मैं इसके चक्र में ना फँस जाऊँ। मुरली मनोहर सुदामा को अपने साथ बैल गाड़ी में लेकर चल पड़ते हैं। मुरली मनोहर सुदामा को अपने साथ बैल गाड़ी में लेकर रात्रि में सुदामा के गाँव आ जाते हैं।
वृंदापुरी के राजा को जब यह सभी के घर महल में बदल जाने की बात पता चलती है तो वह हैरान परेशान हो जाता है की उसने ये सब क्यों नहीं देखा तो इस पर राजा का मंत्री उन्हें बताता है की आप मदिरा के नशे में कुछ भी नहीं देख पाए और ये सब सुदामा के कारण ही हुए है यह सुन राजा को अपने किए पर पछतावा होता है। राजा अपने मंत्री से इसका प्राश्चित करने के लिए राय माँगता है तो मंत्री राजा को कहता है की पहले तो आप मदिरा को त्याग दे और वृंदापुरी का नाम सुदामा नगर करने की सलाह देता है जिसे राजा मान लेता है।सुदामा मंदिर में भगवान को धन्यवाद देते हैं और वसुंधरा का वहाँ बैठ देख पहचान नहीं पाते। चक्रधर वहाँ आ जाता है और सुदामा को बताता है की वसुंधरा को चिर योवना का वरदान लक्ष्मी माता से मिलने के कारण वो रूपवान हो गयी हैं। चक्रधर सुदामा को श्री कृष्ण द्वारा भेजे विश्वकर्मा द्वारा किए नव निर्माण के बारे में बताता है। सुदामा श्री कृष्ण को इस सब के लिए धन्यवाद देता हैं। सुदामा के नगर में आने पर सभी सुदामा का स्वागत करते हैं और उन्हें रथ मीन बैठकर उनके महल तक ले जाते हैं सुदामा अपने बच्चों से मिलता है। वहाँ राजा भी आ जाता है और सुदामा से क्षमा माँगता है सुदामा उन्हें माफ़ कर देता हैं और राजा सुदामा को अपना राजगुरु बन्ने के लिए प्रार्थना करता है जिसे सुदामा मान लेता है। सुदामा अपने महल में आकर श्री हरी की को धन्यवाद करते हैं। जिस पर विष्णु भगवान उन्हें माया से मुक्त कर देते हैं।
श्रीकृष्णा, रामानंद सागर द्वारा निर्देशित एक भारतीय टेलीविजन धारावाहिक है। मूल रूप से इस श्रृंखला का दूरदर्शन पर साप्ताहिक प्रसारण किया जाता था। यह धारावाहिक कृष्ण के जीवन से सम्बंधित कहानियों पर आधारित है। गर्ग संहिता , पद्म पुराण , ब्रह्मवैवर्त पुराण अग्नि पुराण, हरिवंश पुराण , महाभारत , भागवत पुराण , भगवद्गीता आदि पर बना धारावाहिक है सीरियल की पटकथा, स्क्रिप्ट एवं काव्य में बड़ौदा के महाराजा सयाजीराव विश्वविद्यालय के हिन्दी विभाग के अध्यक्ष डॉ विष्णु विराट जी ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। इसे सर्वप्रथम दूरदर्शन के मेट्रो चैनल पर प्रसारित 1993 को किया गया था जो 1996 तक चला, 221 एपिसोड का यह धारावाहिक बाद में दूरदर्शन के डीडी नेशनल पर टेलीकास्ट हुआ, रामायण व महाभारत के बाद इसने टी आर पी के मामले में इसने दोनों धारावाहिकों को पीछे छोड़ दिया था,इसका पुनः जनता की मांग पर प्रसारण कोरोना महामारी 2020 में लॉकडाउन के दौरान रामायण श्रृंखला समाप्त होने के बाद ०३ मई से डीडी नेशनल पर किया जा रहा है, TRP के मामले में २१ वें हफ्ते तक यह सीरियल नम्बर १ पर कायम रहा।
In association with Divo - our YouTube Partner
#shreekrishna #shreekrishnamahina #krishna #krishnamahima"
Доступные форматы для скачивания:
Скачать видео mp4
-
Информация по загрузке: