Part V: Constitution Day_CRPC Musical Program _Dharmendra Singh singing a Film song.
Автор: dr.milind jiwane
Загружено: 2025-11-26
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👌 संविधान संस्कृती की सुबह २६ नवंबर से संस्कृती संविधान का नामोनिशाण मिटा ! (सिव्हिल राईट्स प्रोटेक्शन सेल द्वारा आयोजित संविधान पर अध्यक्षीय भाषण में *डॉ मिलिन्द जीवने 'शाक्य'*)
सिव्हिल राईट्स प्रोटेक्शन सेल तथा उसके अधिन डॉटर कंसर्न संघटन के तत्वज्ञान में, सीआरपीसी नागपुर मुख्यालय में, २६ नवंबर यह दिन "संविधान दिन" रूप में मनाया गया. उस अवसर पर सेल के राष्ट्रिय अध्यक्ष डॉ मिलिन्द जीवने 'शाक्य' यह अध्यक्षस्थान पर थे. प्रमुख अतिथी सुर्यभान शेंडे / दिलिप तांदळे /शालिक जिल्हेकर / इंजी. नागेंद्र देवके / सुधाकर धुर्वे / सरदार कर्नलसिंग दिगवा मान्यवर उपस्थित थे. उस अवसर पर अध्यक्षीय भाषण में डॉ मिलिन्द जीवने 'शाक्य'इन्होनै कहा कि, "भारत में बुध्द काल के प्रतिक्रांती के बाद संस्कृती संविधान ने पैर पसारे. और भारत यह सदियों से विभिन्न शक्तियो का गुलाम रहा. महात्मा फुले / छत्रपती शाहु महाराज / बाबासाहेब डॉ आंबेडकर इनका उदय होने के बाद, डॉ बाबासाहेब आंबेडकर इन्होने आज के ही दिन भारतीय संविधान को संविधान सभा में मुर्त रुप दिया. और वह दिन हम संविधान दिन रुप में मनाते है. अर्थात संस्कृति संविधान का अंत और संविधान संस्कृती का जन्म हुआ. और आज के दिन का प्रमुख कारण भारत के प्रजासत्ताक (२६ जनवरी) होने में रहा है. और हमें मुलभुत अधिकार मिले. और देश को निर्देशक तत्व."
सदर समारोह का संचालन डॉ मनिषा घोष इन्होने तथा आभार राजेंद्र घोरपडे इन्होने माना. कार्यक्रम की सफलता में इंजी. गीतांजली नगराळे/ सुरेखा खंडारे / डॉ. राजेश नंदेश्वर / डॉ. इंदिरा सोमकुवर / संध्या सोमकुवर / नंदकिशोर पाटील / विजय सहारे / शिवसृष्टी (कुर्ला) आदी पदाधिकारी का योगदान रहा. अंत में सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन हुआ. उस अवसर पर सुर्यभान शेंडे / दिलिप तांदळे / धर्मेंद्र सिंग / डॉ मनिषा घोष / सुरेखा खंडारे / डॉ राजेश नंदेश्वर इन्होने गीत सादर किये.
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