सोमवार भक्ति भजन : , ॐ नमः शिवाय, शिव सहस्त्रनाम, शिव चालीसा, शिव तांडव, कर्पूर गौरम करुणावतारं आरती
Автор: भक्ति संगीत साधना
Загружено: 2025-11-09
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Bhagvaan Shiv Bhajan |Somvaar Special Shiv Bhajan | सोमवार स्पेशल शिव भजन | शिव भक्ति गीत #shiva
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दिव्यता और शांति से भरा यह नॉनस्टॉप शिव भजन संग्रह आपके मन को शांत करेगा और आपको भक्ति के गहरे सागर में ले जाएगा। अपनी सुबह को पवित्र पंचकक्षर मंत्र "ॐ नमः शिवाय" और शक्तिशाली "शिव तांडव स्तोत्र" से शुरू करें। 🙏🔱
इन्हें जपने या गाने के मूल कारण, प्रभाव और लाभ :
00:00 "ॐ नमः शिवाय" माला (Om Namah Shivaya Mala)
यह पवित्र पंचाक्षर मंत्र (पाँच अक्षरों वाला मंत्र) है, जिसका अर्थ है "शिव को नमन," और यह शैव धर्म का सबसे केंद्रीय जाप है।
इसे 108 बार जपने से मन शुद्ध होता है, आंतरिक अशांति शांत होती है और भगवान शिव की परम सत्ता के साथ गहरा संबंध स्थापित होता है।
03:30 भगवान शिव नाम माला (Bhagwan Shiv Naam Mala)
इसमें भगवान शिव के अनगिनत रूपों, गुणों और लौकिक कार्यों को स्वीकार करते हुए, उनके कई नामों का भक्तिपूर्वक दोहराव शामिल है।
108 नामों का पाठ करने से उनकी कृपा के सभी पहलुओं का आह्वान होता है, जिससे भक्त को सुरक्षा, शांति और आध्यात्मिक विकास प्राप्त होता है।
13:48 "श्री शिवाय नमस्तुभ्यं" माला (Shri Shivaya Namastubhyam Mala)
यह अक्सर शिव महापुराण की शिक्षाओं से जुड़ा एक श्रद्धेय मंत्र है, जिसका अर्थ है "शुभकारी भगवान शिव को नमस्कार।"
माना जाता है कि यह शक्तिशाली मंत्र बड़ी बाधाओं को दूर कर सकता है, इच्छाओं को पूरा कर सकता है और शिव का आशीर्वाद प्राप्त करने का एक सरल लेकिन प्रभावी मार्ग है।
18:54 शिव स्वर्णमाला स्तुति (Shiv Swarnmala Stuti)
आदि शंकराचार्य द्वारा रचित, यह "स्तुति की स्वर्णमाला" शिव की महिमा, ऐश्वर्य और करुणा का एक गीतात्मक वर्णन है।
इसे गाना समर्पण का एक गहरा कार्य है, जहाँ भक्त इस भजन को भगवान शिव को एक आभूषण के रूप में अर्पित करता है, और शाश्वत आश्रय की कामना करता है।
24:51 शिव चालीसा (Shiv Chalisa)
यह 40 छंदों की एक भक्तिमय स्तुति है जो भगवान शिव की कथाओं, स्वरूप और दिव्य गुणों का सुंदर वर्णन करती है।
इसका नियमित पाठ करने से भक्त को साहस, विपत्तियों से सुरक्षा और धर्म-सम्मत इच्छाओं को पूरा करने की कृपा प्राप्त होती है।
31:04 शिव धुन (Shiv Dhun)
धुन एक छोटे से वाक्यांश या मंत्र, जैसे 'ॐ नमः शिवाय' का सरल, लयबद्ध दोहराव है, जो एक निरंतर, ध्यानपूर्ण ध्वनि प्रवाह बनाता है।
यह एक शांत, केंद्रित और सकारात्मक कंपन ऊर्जा बनाने के लिए किया जाता है जो मन को केवल परमात्मा पर ध्यान केंद्रित करने में मदद करता है।
36:10 शिव पंचाक्षर स्तोत्र (Shiv Panchakshar Stotra)
आदि शंकराचार्य द्वारा रचित यह भजन, पंचाक्षर मंत्र के प्रत्येक पाँच अक्षरों (न-म-शि-वा-य) के गहन अर्थ की व्याख्या करता है।
इसका जाप करने से भक्त को मंत्र के पीछे के गहरे आध्यात्मिक विज्ञान को समझने में मदद मिलती है और शरीर के भीतर के पाँच संबंधित तत्व ऊर्जावान होते हैं।
39:12 शिव तांडव स्तोत्र (Shiv Tandav Stotra)
रावण द्वारा रचित एक शक्तिशाली, लयबद्ध स्तोत्र, यह भगवान शिव के भयंकर और उत्साहजनक लौकिक नृत्य, तांडव, का भावुकता से वर्णन करता है।
इसका पाठ करने से दिव्य शक्ति का आह्वान होता है, भय दूर होता है, और सृष्टि और संहार के स्वामी के रूप में शिव की सर्वोच्च शक्ति का गुणगान करके भक्ति गहरी होती है।
45:00 रुद्राष्टकम स्तोत्र (Rudrashtakam Stotra)
तुलसीदास द्वारा रचित, यह आठ छंदों वाला भजन भगवान शिव (रुद्र) से दयालु और करुणामय होने की हार्दिक प्रार्थना है।
इसे विनम्रता और भक्ति व्यक्त करने के लिए गाया जाता है, जिसमें महान प्रभु, सभी दुखों को हरने वाले से, शांति और पीड़ा पर विजय प्रदान करने के लिए कहा जाता है।
48:18 शिव आरती (Om Jai Shiv Omkara) (Shiv Aarti)
आरती एक अनुष्ठानिक प्रकाश समारोह है, जहाँ भक्त प्रार्थना की समाप्ति पर दीपक को घुमाकर देवता का धन्यवाद और पूजा करता है।
आरती गाने से वातावरण शुद्ध होता है, शिव के स्वरूपों और कार्यों की महिमा का सार प्रस्तुत होता है, और मोक्ष के लिए अहंकार के जलने का प्रतीक है।
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