उत्तराखंड सरकार की क्यू नहीं सुन रहे अधिकारी
Автор: Priyank M Vashistha
Загружено: 2020-07-25
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उत्तराखंड में अफसर शाही की कार्यप्रणाली को लेकर लगातार नए नए मामले सामने आ रहे हैं लेकिन अधिकारियों की कान में जूँ तक नहीं रेंग रही है..
उत्तराखंड में अफसर शाही सरकार की बातों को कितनी गम्भीरता से लेती है इसका ताजा उदाहरण बीती रोज़ सचिवालय में कुम्भ की बैठक में देखने को मिला.दरअसल हरिद्वार कुम्भ और वहां के ताजा हालातों को लेकर सरकार के दूसरे नंबर के मंत्री मदन कौशिक ने बैठक बुलाई थी. लेकिन मंत्री की बैठक में कोई भी सचिव नहीं पंहुचे जिसके बाद कौशिक जमकर भड़क उठे. कौशिक ने मुख्य सचिव को जमकर लताड़ लगाई. और बैठक छोड़ कर चल दिए हालंकी बाद में कौशिक ने कहा की कई बार सूचना सही से नहीं पहुँच पाती हैं
इधर मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत के निर्देश पर मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह ने सभी अपर मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव, सचिव व अपर सचिवों को निर्देशित किया है कि माननीय मंत्रीगणों की बैठक में अनिवार्य रूप से प्रतिभाग करना सुनिश्चित करें। यदि किन्हीं कारण से बैठक में उपस्थित होने में असमर्थ हैं तो इसकी पूर्व सूचना माननीय मंत्री के निजी सचिव को अवश्य दी जाए।
सरकार के मंत्रियों और विधायकों की अनदेखी पर कोंग्रेस ने पटलवार किया है. कोंग्रेस प्रदेश उपाध्यक्ष सूर्यकांत धस्माना ने अधिकारियों को दरियाई घोड़ा कह डाला, धस्माना ने कहा की सरकार अधिकारियों की लगाम सही से नहीं हांक पा रही है
एक आध को छोड़ दिया जाए तो सरकार का कोई मंत्री ऐसा नहीं है की जिसकी अधिकारीयों के प्रति इस सरकार में नाराज़गी न रही हो... बहरहाल इन सब पर फ़ैसला सरकार को करना है की बेलगाम नौकर शाही को कैसे क़ाबू में लाया जाए देहरादून से प्रियंक बशिष्ठ की रिपोर्ट
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