आपका सूर्य नवांश कुंडली के किस भाव में बैठा है, विवाह बाद आपका प्रभाव बढेगा या घटेगा
Автор: नक्षत्र तक
Загружено: 2025-12-05
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लग्न में सूर्य
विवाह के बाद व्यक्तित्व में तेज, जातक विवाह के बाद अधिक आत्मविश्वासी और निर्णायक बनता है। जीवनसाथी तेजस्वी, स्वाभिमानी और प्रतिष्ठा वाला हो सकता है। अहं की हल्की टकराहट हो सकती है, लेकिन दाम्पत्य में स्पष्टता बनी रहती है। जातक विवाह बाद सामाजिक सम्मान प्राप्त करता है और भाग्य थोड़ा-थोड़ा खुलता है। यदि सूर्य पापग्रस्त हो तो “मैं ही सही” वाला रवैया वैवाहिक तनाव ला सकता है।
दुसरे भाव में सूर्य
विवाह बाद आर्थिक स्थिति में सुधार, विवाह के बाद धन, परिवार व रिश्तों में स्थिरता आती है। जीवनसाथी का परिवार प्रतिष्ठित या प्रभावशाली हो सकता है।
सूर्य यहाँ वाणी में तेज और स्पष्टता देता है—बात काटने की आदत से दाम्पत्य में हल्का तनाव संभव। विवाह बाद जातक की जिम्मेदारियाँ बढ़ती हैं और धन कमाने की इच्छा प्रबल होती है। यदि शुभ हो तो परिवार में सम्मान; अशुभ हो तो परिवारिक अहं टकराहटें।
तीसरे भाव में सूर्य
साहस और आत्मनिर्भरता का विवाह बाद उदय
जीवनसाथी साहसी, खुला, स्पष्टवक्ता और कभी-कभी जिद्दी हो सकता है।
विवाह के बाद जातक का साहस बढ़ता है, जोखिम लेने की क्षमता विकसित होती है।
दाम्पत्य में दोनों अपनी बात खुलकर रखते हैं—कभी बहस, पर रिश्ते की पारदर्शिता बनी रहती है।
सूर्य यहाँ छोटे यात्राओं, प्रयासों और करियर में सफलता दिलाता है।
भाई-बहनों के साथ दृष्टिकोण नेतृत्व वाला हो जाता है।
चतुर्थ भाव में सूर्य
गृह-सुख, प्रतिष्ठा और जिम्मेदारियाँ
जीवनसाथी सम्मानित परिवार से या गरिमामय स्वभाव वाला होता है।
विवाह के बाद घर, वाहन, संपत्ति में वृद्धि संभव।
माँ और गृहस्थी की जिम्मेदारी जीवन में केंद्र बनती है।
सूर्य यहाँ “घर का मुखिया” जैसा रुख देता है—जिससे घर-परिवार में आपका निर्णय अंतिम माना जाता है।
यदि सूर्य कष्टग्रस्त हो तो माँ के स्वास्थ्य/सुख में उतार-चढ़ाव।
पंचम भाव में सूर्य
प्रेम, बुद्धि और संतान सौभाग्य
जीवनसाथी बुद्धिमान, आत्मविश्वासी और प्रतिष्ठा वाला।
विवाह बाद संतान का योग प्रबल, और संतान समाज में नाम कमा सकती है।
रिश्ते में प्रेम, आकर्षण और गर्व अधिक रहता है।
जातक विवाह के बाद रचनात्मक कामों में चमकता है।
अशुभ सूर्य प्रेम-जिद और संतान पक्ष में देरी दिखा सकता है।
षष्टम भाव में सूर्य
विवाह में जिम्मेदारी और संघर्ष दोनों
जीवनसाथी कर्मठ, पर काटने वाली वाणी वाला हो सकता है।
विवाह बाद जातक के जीवन में कर्तव्य, सेवा और संघर्ष बढ़ते हैं।
सूर्य यहाँ स्वास्थ्य, ऋण, या दाम्पत्य में ईगो संबंधी चुनौतियाँ दे सकता है।
लेकिन जातक इन संघर्षों पर अपनी ऊर्जा, नेतृत्व और बुद्धि से विजय पाता है।
नौकरी/सेवा क्षेत्र में उन्नति विवाह बाद होती है।
सप्तम भाव में सूर्य
जीवनसाथी प्रभावशाली और अधिकार सम्पन्न
जीवनसाथी तेजस्वी, प्रखर व्यक्तित्व वाला, नेतृत्व गुण वाला।
दाम्पत्य में सम्मान और प्रतिष्ठा मिलती है, परंतु “कौन निर्णय लेगा?” इस पर संघर्ष हो सकता है।
विवाह बाद समाज में आपकी पहचान मजबूत होती है।
सूर्य यहाँ सार्वजनिक जीवन, व्यापार और साझेदारियों में सफलता देता है।
अशुभ स्थिति में अहं और नियंत्रण की लड़ाई विवाह में तनाव ला सकती है।
अष्टम भाव में सूर्य
विवाह बाद गहरे परिवर्तन
जीवनसाथी रहस्यमय, गहरी सोच वाला या जीवन में परिवर्तन लाने वाला हो सकता है।
विवाह के बाद जातक के विचार, विश्वास, और मानसिकता में बड़ा परिवर्तन होता है।
सूर्य यहाँ शोध, ज्योतिष, गूढ़ विद्याओं और परंपरागत ज्ञान का वरदान देता है।
दाम्पत्य में विश्वास की परीक्षा होती है—रहस्यों या संदेह से सावधान।
सूर्य ठीक हो तो जीवनसाथी द्वारा भाग्योदय; अशुभ हो तो ससुराल पक्ष से दूरी।
नवंम भाव में सूर्य
धर्म, भाग्य और विवाह बाद उन्नति
जीवनसाथी धार्मिक, संस्कारी, ईमानदार या किसी ऊँचे कुल से।
विवाह बाद भाग्य प्रबल—विदेश, उच्च शिक्षा, भाग्योदय के योग।
पिता से संबंध बेहतर होते हैं या पिता जीवन में मार्गदर्शक बनते हैं।
दाम्पत्य में नैतिकता और सत्य को महत्व दिया जाता है।
सूर्य यहाँ बहुत शुभ—पर अहंवादी उपदेश देने की प्रवृत्ति से बचें।
दसम भाव में सूर्य
विवाह बाद करियर में तेजी से वृद्धि
जीवनसाथी करियर-ओरिएंटेड, प्रतिष्ठित या उच्च पद से सम्बन्धित।
विवाह बाद करियर में पद, सम्मान, और जिम्मेदारियाँ बढ़ती हैं।
सूर्य यहाँ जातक को नेतृत्व, सरकारी क्षेत्र, प्रशासन, प्रबंधन में सफलता देता है।
दाम्पत्य में “काम पहले” वाली प्रवृत्ति से समय-संतुलन रखें।
अशुभ सूर्य करियर-अहं का तनाव विवाह में ला सकता है।
एकादश भाव में सूर्य
लाभ, मित्रता और सामाजिक उन्नति
जीवनसाथी लाभदायक, सहयोगी, नेटवर्किंग में मजबूत।
विवाह बाद जातक की आय, सम्मान और सामाजिक दायरा बढ़ता है।
सूर्य यहाँ लाभ देने वाला—मित्रों, संगति और इच्छापूर्ति में वृद्धि।
दाम्पत्य में सहयोग की भावना रहती है, पर कभी-कभी सपनों की ऊँचाई अधिक।
बड़े भाइयों से संबंधों में सुधार या वर्चस्व।
द्वादश भाव में सूर्य
विदेश, अध्यात्म और एकांत की ओर झुकाव
जीवनसाथी आध्यात्मिक, शांत स्वभाव वाला या विदेशी पृष्ठभूमि से हो सकता है।
विवाह बाद जातक का झुकाव आध्यात्मिकता, ध्यान, विदेश, या एकांत कार्यों की ओर होता है।
सूर्य यहाँ लेन-देन, खर्चों और मानसिक शांति को प्रभावित कर सकता है।
विदेश में या दूरस्थ स्थान पर भाग्योदय के संकेत।
अहं को भीतर दबाकर जीवनसाथी के साथ भावनात्मक संवाद रखने की आवश्यकता।
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