Saraswati sama Patha
Автор: Dr Girijaprasad Shadangi
Загружено: 2024-11-08
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यह सरस्वती साम है। पावका नः सरस्वती वाजेभिर्वाजिनीवती। यज्ञं वष्टु धिया वसुः। इस मन्त्र का आधार से गायन किया गया है। इस साम मे प्रथम, द्वितीय, तृतीय चतुर्थ मन्द्र प्रेंख प्रणत सम्प्रसारण आदि स्वरों का उपयोग हुआ है। विद्यार्थीो को सिखने केलिये यह विडियो बनाया गया है।
साम-
पावकानईया। सरास्वाती। वाजेभिर्वा। जिनाइवाती। यज्ञा23म्। वा234ष्टु औहोवा।धियावसुः2345।।
यह साम प्रकृति गान पुस्तक में ऐन्द्रकाण्ड मे उपलब्ध है।
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