क्रिसमस डिनर के दौरान मुझे एक अनजान कॉल आया: “अभी तुरंत घर आओ!”
Автор: पर्दा उठा सच
Загружено: 2025-11-23
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🎄 क्रिसमस की शाम का खाना था। परिवार साथ था। सब खुश थे। तभी मेरे फोन पर एक अजनबी महिला का फोन आया। उसकी आवाज़ कांप रही थी। "वसुधा जी, कृपया स्टेट बैंक ऑफ इंडिया कनॉट प्लेस शाखा देखिए, लॉकर नंबर 2847। मैं और नहीं बता सकती। भगवान आपकी रक्षा करे।" फोन कट गया।
😨 मेरे पास कोई लॉकर नहीं था। मैंने उस शाखा में कभी खाता तक नहीं खोला था। फिर यह रहस्यमय फोन क्यों? किसने किया? और सबसे डरावनी बात — जब मैंने बैंक जाकर पता किया तो पता चला कि मेरे नाम पर दो लॉकर हैं। एक में पंद्रह लाख रुपये नकद। दूसरे में मेरे घर के कागज़ात।
💔 किसी ने मेरे नाम पर मेरी संपत्ति बेचने की साजिश रची थी। बिक्री की तारीख सिर्फ तीन दिन बाद थी। पैंसठ साल की उम्र में मैं बेघर होने वाली थी।
मैं वसुधा अग्रवाल हूं। एक साधारण बुजुर्ग महिला। सेवानिवृत्त बैंक कर्मचारी। विधवा। अकेली। और किसी ने सोचा था कि मैं कमज़ोर हूं। लेकिन उन्हें नहीं पता था कि जब आपकी अपनी छत खतरे में हो, तो एक माँ कितनी ताकतवर बन सकती है।
यह कहानी सिर्फ मेरी नहीं है। यह हर उस बुजुर्ग की कहानी है जो चुपचाप सह रहा है। जिसे लगता है कि परिवार की इज्ज़त के लिए अपना सब कुछ गंवा देना ठीक है। लेकिन मैंने सीखा — सम्मान मांगा नहीं जाता। लिया जाता है।
देखिए अंत तक और जानिए कैसे मैंने अपनी लड़ाई लड़ी। कौन थी वह औरत जिसने मुझे बचाया? किसने मेरे साथ धोखा किया? और सबसे महत्वपूर्ण — कैसे आप भी अपने आप को ऐसे धोखे से बचा सकते हैं।
यह वीडियो आपके माता-पिता, दादा-दादी, नाना-नानी और हर बुजुर्ग के साथ ज़रूर शेयर करें। क्योंकि सावधानी ही सुरक्षा है।
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