HBOT (Hyperbaric Oxygen therapy)
Автор: The Jitendra
Загружено: 2025-10-28
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HBOT (Hyperbaric Oxygen Therapy) यानी हाइपरबारिक ऑक्सीजन थेरेपी एक विशेष चिकित्सा पद्धति है, जिसमें मरीज को 100% शुद्ध ऑक्सीजन एक हाइपरबारिक चैम्बर (दबावयुक्त कमरे या टैंक) के अंदर दी जाती है।
आइए इसे विस्तार से समझते हैं 👇
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🌬️ HBOT कैसे काम करती है
इस थेरेपी में व्यक्ति को एक sealed chamber में बैठाया या लिटाया जाता है।
अंदर का वायुदाब (pressure) सामान्य से लगभग 2 से 3 गुना बढ़ा दिया जाता है।
इतनी ज्यादा ऑक्सीजन और दबाव के कारण, रक्त में ऑक्सीजन की मात्रा बहुत बढ़ जाती है, जिससे:
शरीर के टिश्यू (ऊतक) को अधिक ऑक्सीजन मिलती है।
सूजन (inflammation) कम होती है।
नई रक्त वाहिकाओं (new blood vessels) के बनने में मदद मिलती है।
संक्रमण (infection) से लड़ने की क्षमता बढ़ती है।
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🧠 HBOT किन बीमारियों में दी जाती है
1. कान की समस्याएँ (जैसे अचानक सुनाई देना बंद होना — Sudden Sensorineural Hearing Loss)
2. डीकम्प्रेशन सिकनेस (डाइविंग के दौरान होने वाली बीमारी)
3. कार्बन मोनोऑक्साइड ज़हर
4. न भरने वाले जख्म (जैसे मधुमेह के कारण घाव)
5. ब्रेन स्ट्रोक या चोट के बाद रिकवरी
6. कैंसर रेडिएशन से हुए नुकसान की भरपाई
7. गैंग्रीन या संक्रमण
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⏱️ एक सत्र (Session) की अवधि
सामान्यतः 60 से 120 मिनट (1–2 घंटे) का एक सत्र होता है।
रोग के अनुसार 20 से 40 सत्र तक की आवश्यकता पड़ सकती है।
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⚠️ संभावित साइड इफेक्ट्स
हालांकि यह सुरक्षित प्रक्रिया है, फिर भी कभी-कभी:
कान में दर्द या दबाव (pressure)
अस्थायी चक्कर या थकान
सर्दी-जुकाम जैसा अहसास
बहुत दुर्लभ मामलों में: ऑक्सीजन टॉक्सिसिटी या दृष्टि में हल्का बदलाव
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✅ सावधानियाँ
थेरेपी से पहले कान, फेफड़ों या सर्दी-जुकाम की जांच ज़रूर होनी चाहिए।
धूम्रपान से बचें, क्योंकि यह ऑक्सीजन के असर को घटाता है।
डॉक्टर की निगरानी में ही करवाना चाहिए।
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अगर आप चाहें तो मैं बता सकता हूँ कि कान की सुनने की समस्या (hearing loss) के लिए HBOT कितनी उपयोगी होती है और कितने सत्र में असर दिखता है — क्या मैं वह बताऊँ?
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