प्रान्त घोष वर्ग 2025 नैला जांजगीर, घोष रचनाओं का वादन #
Автор: RaipurTimes24
Загружено: 2025-05-13
Просмотров: 188
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ – छत्तीसगढ़ प्रांत घोष वर्ग
दिनांक: 5 मई 2025 से 12 मई 2025 (वैशाख शुक्ल अष्टमी से वैशाख पूर्णिमा / बुद्ध पूर्णिमा)
स्थान: सरस्वती शिशु मंदिर उच्च माध्यमिक विद्यालय, नैला-जांजगीर
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ छत्तीसगढ़ प्रांत का घोष वर्ग दिनांक 5 मई दोपहर 2:00 बजे से 12 मई प्रातः 8:00 बजे तक सरस्वती शिशु मंदिर उच्च माध्यमिक विद्यालय, नैला-जांजगीर में गरिमामयी वातावरण में सम्पन्न हुआ। वर्ग में प्रांत के 17 जिलों से कुल 147 घोष वादक स्वयंसेवकों की सहभागिता रही, जिनमें 46 आनक वादक, 76 वेणु वादक, 25 शंख वादक एवं 26 शिक्षक सम्मिलित रहे।
वर्ग की प्रवृत्तियाँ एवं उद्देश्य
वर्ग में 14 वर्ष से 55 वर्ष की आयु वर्ग के स्वयंसेवकों को घोष के प्राथमिक स्वर-पाठ, रचनाओं, एवं चयनित वाद्यों का अभ्यास कराया गया। उद्देश्य यह था कि घोष कौशल के साथ-साथ वादकों में नेतृत्व, अनुशासन एवं आत्मविश्वास का विकास हो।
---
वर्ग का उद्घाटन
वर्ग का उद्घाटन दीप प्रज्वलन के साथ श्रीमान सुनील कुलकर्णी जी (अखिल भारतीय सह प्रचारक प्रमुख), श्रीमान पंचूराम माली जी (सह प्रांत घोष प्रमुख) एवं वर्ग कार्यवाह डॉ. शाश्वत दुबे जी के कर-कमलों द्वारा संपन्न हुआ। उद्घाटन सत्र में कुलकर्णी जी के पाथेय ने सभी प्रशिक्षार्थियों को घोष के माध्यम से कार्य विस्तार व सामाजिक जागरण की प्रेरणा दी।
---
वर्ग की दिनचर्या
वर्ग का संचालन प्रतिदिन प्रातः 4:30 बजे से रात्रि 10:00 बजे तक पूर्ण अनुशासन एवं उत्साह के साथ हुआ। प्रमुख सत्र इस प्रकार रहे:
प्रथम संघस्थान : प्रातः 5:30 – 7:45
द्वितीय संघस्थान : प्रातः 8:45 – 9:45
सायं संघस्थान : सायं 4:45 – 6:30
सायं द्वितीय संघस्थान : सायं 7:00 – 8:00
साथ ही प्रतिदिन 1 घंटे का लिपि सत्र, बौद्धिक सत्र एवं रात्रिकालीन प्रेरक कार्यक्रम भी संचालित हुए।
---
लिपि सत्रों का संचालन
इन सत्रों में घोष की लिपि, ध्वनि विज्ञान एवं रचना पद्धति का अभ्यास कराया गया। संचालन निम्नलिखित घोष शिक्षकों द्वारा हुआ:
श्री देवेंद्र कुमार (वर्ग मुख्य शिक्षक)
श्री हृदयानंद यादव
श्री प्रसून सोनी
श्री अखिल शुक्ला (प्रांत घोष टोली सदस्य)
डॉ. शाश्वत दुबे (वर्ग कार्यवाह)
श्री रविकर पटेल (पर्यवेक्षक एवं उद्घोषक)
---
बौद्धिक सत्रों में प्रमुख वक्तागण एवं विषय
1. श्री सुनील कुलकर्णी जी – उद्घाटन पाथेय
2. श्री नारायण नामदेव जी (सह प्रांत प्रचारक) – स्वयंसेवक के गुण एवं व्यवहार
3. श्री चंद्रशेखर देवांगन जी (प्रांत कार्यवाह) – नेतृत्व एवं नेतृत्वकर्ता के गुण
4. श्री सौरभ वर्तक जी (वि.शा.शि. प्रमुख) – घोष केंद्र एवं घोष वार्षिकोत्सव
5. श्री विश्वास जलताड़े जी (प्रांत शा.शि. प्रमुख) – घोष का क्रमिक विकास
6. श्री योगेश्वर साहू जी (वि.प्र. कोरबा) – आदर्श शिक्षक: गुण एवं कर्तव्य
7. श्री कर्णपाल रामसिंह जी (केंद्रीय प्रांत समिति सदस्य, वनवासी कल्याण आश्रम) – जांजगीर नगर पथसंचलन पश्चात एवं दीक्षांत समारोह में मार्गदर्शन
---
वर्ग की विशेष उपलब्धियाँ एवं उल्लेखनीय क्षण
वर्ग में समस्त वादकों द्वारा घोष की प्राथमिक रचनाओं का अभ्यास किया गया।
प्रगत वादकों द्वारा ‘निर्भय’ नामक नवीन रचना का अभ्यास एवं सामूहिक वादन किया गया।
समस्त घोष वादकों ने पथ संचलन में अद्वितीय एकरूपता का प्रदर्शन किया।
जांजगीर नगर के हृदयस्थली नेताजी सुभाष चन्द्र बोस चौक पर समस्त वादकों ने स्थिर रहकर वर्ग गीत "विश्व गगन पर फिर से गूंजे भारत माँ की जय जय जय..." की चार पंक्तियाँ गाईं एवं उसी धुन पर श्रृंग वाद्यों में वादन किया गया।
इसी क्रम में वेणु वादकों द्वारा "जयोस्तुते" एवं शंख वादकों द्वारा "मेवाड़" रचना का प्रभावशाली वादन किया गया।
पथ संचलन मार्ग में विविध संगठनों एवं मुस्लिम समाज द्वारा वादकों के ऊपर पुष्प वर्षा कर स्वागत किया गया।
संचलन के पश्चात चयनित प्रगत वादकों द्वारा विभिन्न रागदारी एवं धुनों पर 20 मिनट का स्थिर वादन प्रस्तुत किया गया, जिसे नगरवासियों ने सराहा।
प्रांत घोष प्रमुख श्री शेष नारायण सोनी जी ने रात्रिकालीन बैठक में सभी वादकों को उनके अपने क्षेत्र में घोष केंद्र संचालन का निर्देश दिया, जिसे सभी वादकों ने हर्षपूर्वक स्वीकार किया।
घोष वर्ग न केवल घोष विद्या का प्रशिक्षण केंद्र बना, बल्कि स्वयंसेवकों के व्यक्तित्व निर्माण, नेतृत्व विकास एवं आगामी शताब्दी वर्ष में घोष को समाज जीवन से जोड़ने की प्रेरणा का केन्द्र भी रहा। वर्ग की पूर्णाहुति उत्साह, आत्मविश्वास एवं घोष समर्पण की अनुगूंज के साथ हुई।
Доступные форматы для скачивания:
Скачать видео mp4
-
Информация по загрузке: