जन्म मरण की सीढ़ी- कर्मों की गहन गति Urmila Behn (Rajyoga Shivir Session at Anand Sarovar, BK HQ.)
Автор: Self Awakening - Brahma Kumaris
Загружено: 2023-07-17
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पाप कर्मों को भोगने के लिए मनुष्य जीवन श्रेष्ठ है। इसके लिए पशु जीवन में जाने की आवश्यकता नहीं हैं। दु:ख, दर्द, उदासी, तनाव और बीमारी इन रूपों में मनुष्य इन्हें भोगता है।श्रेष्ठ कर्म के लिए चरित्र रूपी शरीर एवं अच्छे विचारों का होना जरुरी है। पूर्वजों की औसत आयु हमसे ज्यादा होने का कारण हमारी इच्छा शक्ति एवं सहन शक्ति कम होना है। यह कलयुग और सतयुग का संधिकाल, कल्याणकारी संगमयुग है। श्रेष्ठ कर्मों के माध्यम से हम पूर्वजन्म को बेहतर बना सकते हैं।
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