नारद
Автор: Shri RamCharitManas Ras
Загружено: 2025-09-02
Просмотров: 83
✨ रामचरितमानस (बालकाण्ड) ✨
इन चौपाइयों में गोस्वामी तुलसीदास जी ने देवऋषि नारद के वचनों का वर्णन किया है।
नारद जी हिमवान और मैना को बताते हैं कि —
• जैसे गंगा पवित्र है और कभी अपवित्र नहीं हो सकती, वैसे ही भगवान शिव के दोष भी वास्तव में गुण ही हैं।
• भगवान शिव सहज ही सर्वसमर्थ हैं और उनके साथ पार्वती जी का विवाह सभी दृष्टियों से कल्याणकारी होगा।
• यद्यपि शिवजी दुराराध्य हैं, परंतु वे “आसुतोष” हैं — भक्तों की साधारण सी भक्ति से ही प्रसन्न हो जाते हैं।
• यदि पार्वती तपस्या करेंगी, तो निश्चित रूप से उनका विवाह शिवजी से ही होगा।
• यद्यपि संसार में अनेक वर हैं, परंतु पार्वती के लिए शिवजी से बढ़कर कोई नहीं।
• शिवजी ही वरदायक, कृपालु और सेवकों के मन को प्रसन्न करने वाले हैं।
📖 दोहा (70)
“अस कहि नारद सुमिरि हरि गिरिजहि दीन्हि असीस ।
होइहि यह कल्याण सब, sansay tajahu गिरिस ॥”
👉 यह पूरा प्रसंग पार्वती जी के तप और शिव विवाह की भविष्यवाणी करता है।
हर हर महादेव 🙏
#Ramcharitmanas #ShivVivah #NaradJi #ParvatiMata #LordShiva #SanatanDharma #HarHarMahadev #Bhakti
Доступные форматы для скачивания:
Скачать видео mp4
-
Информация по загрузке: