ये नहीं समझा तो गीता नहीं समझोगे || आचार्य प्रशांत, भगवद् गीता पर (2023)
Автор: आचार्य प्रशान्त - Acharya Prashant
Загружено: 2023-04-03
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वीडियो जानकारी: 07.01.23, गीता समागम, गोवा
Title : ये नहीं समझा तो गीता नहीं समझोगे || आचार्य प्रशांत, भगवद् गीता पर (2023)
📋 Video Chapters:
0:00 - Intro
0:12 - प्रथम अध्याय का संक्षेप
3:16 - प्रथम श्लोक - 'धृतराष्ट्र उवाच' और समस्या का विस्तार
9:16 - राजा जनक और धृतराष्ट्र की जिज्ञासाओं में भेद
21:00 - मोह से ग्रस्त व्यक्ति और भगवद्गीता की उपयोगिता
23:01 - दुर्योधन का भय और अहंकार
30:16 - दोनों पक्षों का शंखनाद
42:26 - अर्जुन का श्रीकृष्ण से अनुरोध
48:53 - वृत्ति और विचार में भेद
57:30 - आलस्य, भय, मोह कैसे हारते हैं?
1:13:08 - हर काल, हर समस्या में गीता उपयोगी क्यों?
1:21:49 - अर्जुन का मोह और श्रीकृष्ण से प्रश्न
1:26:22 - गीता किन बातों के विरुद्ध है?
1:33:58 - अर्जुन मन, कृष्ण आत्मा, तो कौरव कौन?
1:40:14 - हम भय कब महसूस करते हैं?
1:45:13 - सही तर्क देना सीखें
1:49:13 - कर्म और विचार का संबंध
1:53:38 - समाधान के बाद भी समस्या बनी क्यों रहती है?
2:04:49 - उपयोगी बातचीत को बिंदु बनाकर लिखना सीखें
2:05:34 - समापन
प्रसंग:
~ गीता में मन के तलों को किस तरह समझाया गया है?
~ गीता के पहले अध्याय का सम्पूर्ण वर्णन।
~ कृष्ण हमें क्या समझाना चाह रहे हैं?
~ गीता का सही अर्थ।
~ किन्हें गीता कभी समझ नहीं आती?
~ वेदों में कर्मकांड का कितना महत्व है?
अध्याय १ - गीता
समस्या का ही व्याख्यान किया गया है
श्लोक-१ में बताया गया है धृतराष्ट्र का मोह
श्लोक २-२०, इन श्लोकों में दुर्योधन की व्याख्या की गई है
श्लोक २१-३९, श्लोकों में वृत्ति और विचार के बारे में बताया गया है
साथ ही बताया गया है कि वृत्ति मन के किस तल पर है
श्लोक ४०-४७, श्लोकों में अर्जुन किस तरह संस्कृति को लेकर तर्क करते हैं युद्ध नहीं करने के लिए ये बताया गया है
इस तरह चार भागों में आचार्य जी ने गीता के प्रथम अध्याय को बहुत ही सरल तरह से समझाया है
संगीत: मिलिंद दाते
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